
मथुरा : रासायनिक खाद की उपलब्धता पर उठ रहे हैं सवाल
मथुरा : रासायनिक खाद की उपलब्धता पर उठ रहे हैं सवाल
-अब तक विगत वर्ष से ज्यादा 3276 मीट्रिक टन डीएपी का प्रशासनिक दावा
मथुरा । रासायनिक खाद को लेकर जिला प्रशासन के दावे और किसानों की हालत मेल नहीं खा रही है, प्रशासन का दावा है कि एक अप्रैल से अब तक विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 3276 मैट्रिक टन डीएपी अधिक बांटा गया है जबकि सामान्य किसान एक-एक बोरी खाद के लिए जूझ रहा है, आखिर यह खाद कहां जा रहा है, अभी रवी फसल की बुआई शुरू ही नहीं हुई है, किसान खेतों से खरीफ की फसल उठाने में व्यस्त हैं जबकि क्रय केन्द्रों से खाद भारी मात्रा में बिक चुका है ।
जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह के मुताबिक, जनपद में यूरिया 21810 मै0 टन, सीएपी 5618 मै0 टन, एनपीके 3273 मै0 टन की उपलब्धता है, मांग के अनुसार यूरिया, डीएपी आदि उर्वरक किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा, उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि कृषक अनावश्यक रूप से उर्वरकों का भण्डारण नही करें, आवश्यकतानुसार ही फसल संस्तुति के अनुसार उर्वरक प्राप्त कर रबी फसल राई, सरसों के लिए उर्वरक प्राप्त करें, उर्वरकों की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने बताया कि जनपद में एक अप्रेल से अब तक डीएपी 13121 मै.टन की बिक्री हुई है जो विगत वर्ष 2024 के सापेक्ष 3276 मै0 टन अधिक है, चार सितम्बर को सहकारिता के 78 बिकी केन्द्रों पर 466 मै.टन डीएपी एवं निजी क्षेत्र के 272 बिकी केन्द्रों पर 2288 मै.टन कुल 2752 मै.टन विक्री केन्द्रों पर डीएपी की उपलब्धता थी, एनपीकेएस सहकारिता के 62 बिकी केन्द्रों पर 187 मै0 टन एवं निजी क्षेत्र के 257 बिकी केन्द्रों पर 2810 मै.टन की उपलब्धता है, जनपद में कुल 2797 मै.टन एनपीकेएस की उपलब्धता है ।