
मिशन शक्ति 5.0 : छात्रा लवली को मिला एक दिन के जिलाधिकारी का दायित्व
मिशन शक्ति 5.0 : छात्रा लवली को मिला एक दिन के जिलाधिकारी का दायित्व
मथुरा । बुधवार को मिशन शक्ति अभियान 5.0 के अंतर्गत छात्रा लवली को एक दिन के लिए जिलाधिकारी का दायित्व मिला, डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने लवली का स्वागत किया तथा जिलाधिकारी मथुरा का पदभार दिया, राजकीय हाईस्कूल लोहवन की कक्षा 10 की छात्रा लवली ने दिव्यांगजन प्रमाण पत्र बनाने का आदेश दिया, महिलाओं के अधिकारों पर जागरूकता की मिसाल दिखाई, लवली ने जिलाधिकारी सीपी सिंह के साथ जनसुनवाई की, एक दिन की जिलाधिकारी बनी लवली ने लोगों की समस्याएं सुनीं और त्वरित निस्तारण के निर्देश दिये ।
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के नेतृत्व में जनपद में आयोजित विभिन्न मिशन शक्ति अभियान 5.0 के कार्यक्रम हो रहे हैं, मेधावी छात्राओं ने एक दिन के लिए जनपद के विभिन्न महत्वपूर्ण पद सम्भाले, चौकी प्रभारी, थाना प्रभारी, क्षेत्राधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, खंड विकास अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिलाधिकारी आदि महत्वपूर्ण पदों पर एक दिन के लिए छात्राओं को अधिकारी बनाया गया, उक्त पहल से छात्राओं में जागरूकता बढ़ रही है ।
छात्रा लवली ने एक दिन के लिए कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी की भूमिका निभाई और जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के साथ बैठकर जनसुनवाई की, इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए अपनी समझदारी और संवेदनशीलता से सबका दिल जीत लिया, कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठी लवली ने जनसुनवाई के दौरान कठमालिया थोक छाता तहसील निवासी मुकेश कुमार सिंह के प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिव्यांग प्रमाण पत्र शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए जिससे दिव्यांगजन सरकार द्वारा प्रदत्त विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सके, उनके इस निर्णय से उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी प्रशंसा की ।
एक दिन की जिलाधिकारी लवली ने इस अवसर पर मीडिया के समक्ष महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों को लेकर भी सभी को जागरूक किया, उन्होंने कहा कि हर लड़की को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। वर्तमान दौर में गुड टच और बैड टच की पहचान तो सभी को होती है। उन्होंने छात्राओं को सलाह दी कि किसी भी परेशानी या अनुचित व्यवहार को माता-पिता, विशेषकर अपनी मां से साझा करने में हिचकिचाना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इंटरनेट का उपयोग शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए किया जाना चाहिए, जिससे यह उनके भविष्य को संवारने का माध्यम बने, न कि परेशानी का कारण।