छात्रवृत्ति घोटाला : छुट्टी के दिन कार्यालय पहुंचे आरोपित अधिकारी व कर्मचारी
छात्रवृत्ति घोटाला : छुट्टी के दिन कार्यालय पहुंचे आरोपित अधिकारी व कर्मचारी
-आरोपितों के कार्यालय में मौजूदगी किसी ने बना लिया वीडियो, वायरल होने से हडकम्प
-जिला समाज कल्याण अधिकारी के घटनाक्रम को लेकर सख्त हुए तेवर, भेजी रिपोर्ट
मथुरा । पिछले दिनों जनपद में करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले के खुलासे ने सुर्खियां बटोरी थी जिसकी गूंज जनपद की राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक सुनाई दी थी, इस करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी छुट्टी शनिवार के दिन यकायक राजीव भवन स्थित जिला समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंच गये, इस दौरान कार्यालय में मौजूद लोगों में से किसी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया, यह वीडियो किसी तरह समाज कल्याण अधिकारी नगेन्द्र पाल सिंह तक पहुंच गया जिससे उनके तेवर सख्त हो गये, समाज कल्याण अधिकारी ने इस पूरे घटनाक्रम को बेहद गंभीरता से लिया है ।
भाजपा विधायक पूरन प्रकाश द्वारा जनपद मथुरा में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की आवाज उठाते हुए विधानसभा में सदन के सामने जांच की मांग उठाई जिसके बाद छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा हुआ, इस मामले में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी, कई कर्मचारी और कॉलेज संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी, इस मामले में निलंबित पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, वरिष्ठ लिपिक, लिपिक के अलावा 60 से अधिक आईटीआई स्कूलों के प्रबंधकों और संचालकों को भी आरोपी बनाया गया जिसकी तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है, पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कानपुर कर रही है, वहीं कई कर्मचारियों ने अभी तक अपने चार्ज दूसरे कर्मचारियों को नहीं सौंपे हैं, शनिवार को सरकारी अवकाश के दिन आरोपित अधिकारी व कर्मचारी समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंच गये, मामला संज्ञान में आने के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी के तेवर तल्ख हो गये, उन्होंने उच्चाधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत करा दिया है ।
जिला समाज कल्याण अधिकारी नगेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि शनिवार को सरकारी अवकाश था, वर्तमान में हमारे जो बाबू हैं वह तो हमसे पूछ कर कार्यालय में काम करने के लिए बैठे हुए थे लेकिन बाकी और जो लोग आये हैं, उन्होंने ऐसी कोई सूचना मुझे नहीं दी है और संबंधित लिपिक द्वारा भी मुझे नहीं बताया गया कि कोई पत्रावली इधर से उधर हुई है, कोई पत्रावली इधर से उधर हुई है या फिर कुछ भी ऐसा पता चलता है तो निश्चित तौर पर उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी, बाकी इस घटना के संबंध में एक रिपोर्ट मैं निदेशालय को प्रेषित करूंगा कि ऐसा ऐसा इन अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा किया गया है, इस तरीके से आना और मुझे बिना सूचित किये कार्यालय में उपस्थित रहना आपत्तिजनक है ।