गुजरात में कई परियोजनाओं का उद्घाटन कर पीएम मोदी बोले, जिसने कच्छ नहीं देखा... उसने कुछ नहीं देखा
गुजरात पहुंचे प्रधानमंत्री ने रविवार को कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने इशारों में विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम ने कहा कि एक दौर था जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे। प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था कि साजिशों का दौर शुरु हो गया गुजरात को बदनाम करने की साजिश हुई। यहां निवेश रोकने का प्रयास किया गया। यहां डिजास्टर मैनेजमेंट का एक्ट बनाया गया। कोरोना काल में इस कानून ने बहुत मदद की। हर साजिश को नाकाम करते हुए गुजरात में औद्योगिक नीति बनाई गई। कच्छ में निवेश हुआ जिससे यहां का विकास हुआ। कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा सीमेंट प्लांट है। पाइप निर्माण मामले में दूसरे नंबर पर है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल प्लांट बना है। कच्छ वह इलाका है जहां से भारत का 20 प्रतिशत से ज्यादा नकम पैदा होता है। हिंदुस्तान का कोई लाल ऐसा नहीं होगा, जिसने कच्छ का नमक न खाया हो। यहां 30 से ज्यादा नकम की रिफाइनरी हैं।
पीएम ने कहा कि हमारे कच्छ में क्या नहीं है। नगर निर्माण को लेकर हमारी विशेषज्ञता धौलावीरा में दिखती है। पिछले वर्ष ही धौलावीरा को वर्ल्ड हैरिटेज साइट का दर्जा दिया गया है। धौलावीरा की एक-एक ईंट हमारे पूर्वजों के कौशल, उनके ज्ञान-विज्ञान को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि जिसने कच्छ नहीं देखा, उसने कुछ नहीं देखा। उन्होंने कहा कि देश में आज जो ग्रीन हाउस अभियान चल रहा है, उसमें गुजरात की बहुत बड़ी भूमिका है। इसी तरह जब गुजरात, दुनिया भर में ग्रीन हाउस कैपिटल के रूप में अपनी पहचान बनाएगा, तो उसमें कच्छ का बहुत बड़ा योगदान होगा।
परिवारों के आंसुओं ने सींचा
पीएम मोदी ने कहा कि आज मन बहुत सारी भावनाओं से भरा हुआ है। भुजियो डूंगर में स्मृतिवन मेमोरियल, अंजार में वीर बाल स्मारक का लोकार्पण कच्छ की, गुजरात की, पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही नहीं लगा बल्कि कितने ही परिवारों के आंसुओं ने इसके ईंट-पत्थरों को सींचा है।
बदल गई कच्छ की तस्वीर
पीएम ने कहा कि 'मुझे याद है, भूकंप जब आया था तो उसके दूसरे दिन ही यहां पहुंच गया था। तब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, साधारण सा कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाउंगा। लेकिन मैंने ये तय किया कि मैं यहां आप सबके बीच में रहूंगा। ऐसा कहने वाले बहुत थे कि अब कच्छ कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा। लेकिन आज कच्छ के लोगों ने यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है।'
पीएम ने कहा कि कच्छ की एक विशेषता तो हमेशा से रही है, जिसकी चर्चा मैं अक्सर करता हूं। यहां रास्ते में चलते-चलते भी कोई व्यक्ति एक सपना बो जाए तो पूरा कच्छ उसको वटवृक्ष बनाने में जुट जाता है। कच्छ के इन्हीं संस्कारों ने हर आशंका, हर आकलन को गलत सिद्ध किया।'
मोदी ने कहा कि '2001 में पूरी तरह तबाह होने के बाद से कच्छ में जो काम हुए हैं, वो अकल्पनीय हैं। कच्छ में 2003 में क्रांतिगुरू श्यामजी कृष्णवर्मा यूनिवर्सिटी बनी तो वहीं 35 से भी ज्यादा नए कॉलेजों की भी स्थापना की गई है।' जाते हैं।
लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल अनिल पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि यदि उनके खिलाफ कोई à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤†à¤° दरà¥à¤œ की जाती है तो वे शामिल नहीं हो सकते…उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ (आकांकà¥à¤·à¥€) नामांकन फॉरà¥à¤® के हिसà¥à¤¸à¥‡ के रूप में यह लिखने के लिठकहा जाà¤à¤—ा कि वे आगजनी का हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं थे, उनका पà¥à¤²à¤¿à¤¸ सतà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ किया जाà¤à¤—ा। लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल अनिल पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि सेना, नौसेना और वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ की ओर से à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की टाइमलाइन पर à¤à¥€ जानकारी दी गई। इससे पहले तीनों सेनाओं के पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ों से रविवार सà¥à¤¬à¤¹ रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ राजनाथ सिंह ने मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ की थी।
सेना की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨
पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि सेना की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से समय बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ नहीं करने का आगà¥à¤°à¤¹ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जो à¤à¥€ यà¥à¤µà¤¾ इधर-उधर घूम रहे हैं। à¤à¤Ÿà¤• रहे हैं। वह अपना समय बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ नहीं करें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि किसी के लिठà¤à¥€ फिजिकल टेसà¥à¤Ÿ पास करना उतना आसान नहीं होता है। उनसे गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤¶ है कि वह अपना पूरा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ अगले महीनों में होने वाले टेसà¥à¤Ÿ पर लगाà¤à¤‚।
गौरतलब है कि देशà¤à¤° में अगà¥à¤¨à¤¿à¤ªà¤¥ योजना के बाद से कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में हिंसातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤à¥¤ थल सेना लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल अनिल पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि अगà¥à¤¨à¤¿à¤µà¤°’ को सियाचिन और अनà¥à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ जैसे कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में वही à¤à¤¤à¥à¤¤à¤¾ और सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ मिलेंगी जो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में नियमित सैनिकों पर लागू होती है। सेवा शरà¥à¤¤à¥‹à¤‚ में उनके साथ कोई à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ नहीं होगा।
1- रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ की ओर से ले. ज. अनिल पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि सेना में सà¥à¤§à¤¾à¤° के लिठनया à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ सिसà¥à¤Ÿà¤® कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लाया गया? वह सेना की बढ़ती उमà¥à¤° का हवाला देते हà¥à¤ कहते हैं कि ‘कà¥à¤¯à¤¾ ये अचà¥à¤›à¤¾ लगता है कि सेना जो देश की रकà¥à¤·à¤¾ कर रही है, वह 32 साल की हो?’ पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि इस पर कई वरिषà¥à¤ सैनà¥à¤¯ अधिकारियों ने चरà¥à¤šà¤¾ की है, विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ देशों की सà¥à¤Ÿà¤¡à¥€ हà¥à¤ˆà¥¤
2- सेना की ओर से कहा गया कि आज की जेनरेशन हम लोगों से बेहतर है। उसके पास ताकत à¤à¥€ है, जजà¥à¤¬à¤¾ à¤à¥€ है, जà¥à¤¨à¥‚न à¤à¥€ है और टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ को à¤à¥€ वो बेहतर जानते हैं। सेना ने कहा कि आज का बचà¥à¤šà¤¾ मोबाइल के साथ पैदा होता है यानी कि बचà¥à¤šà¥‡ छोटे से ही कंपà¥à¤¯à¥‚टर और मोबाइल को जानते है। आज की लड़ाई टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ पर डिपेंड हो गई है। नई-नई तकनीकि आज आ चà¥à¤•à¥€ हैं। इसके लिठजरूरी है कि हमारा जवान हर तरह से लड़ाई के लिठतैयार रहे।
3- सैनà¥à¤¯ मामलों के अतिरिकà¥à¤¤ सचिव लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल अरà¥à¤£ पà¥à¤°à¥€ के विà¤à¤¾à¤— लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल अनिल पà¥à¤°à¥€ ने देश की सेवा में बलिदान देने वाले अगà¥à¤¨à¤¿à¤µà¥€à¤°à¥‹à¤‚ को à¤à¤• करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ का मà¥à¤†à¤µà¤œà¤¾ मिलेगा। हर साल लगà¤à¤— 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृतà¥à¤¤à¤¿ ले रहे हैं। किसी ने कà¤à¥€ उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृतà¥à¤¤à¤¿ के बाद कà¥à¤¯à¤¾ करेंगे।
4- लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल अनिल पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि हमें डिमॉगà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• डिविडेंड का फायदा उठाना चाहिà¤à¥¤ सेना में यà¥à¤µà¤¾à¤“ं की जरूरत है। यà¥à¤µà¤¾à¤“ं में जोश और जजà¥à¤¬à¤¾ होता है। अनिल पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि आज जवान को जो पे-अलाउंस मिल रहे हैं, अगà¥à¤¨à¤¿à¤µà¥€à¤° को उससे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मिलेंगे।
5- ले. जनरल अनिल पà¥à¤°à¥€ ने कहा, ‘à¤à¤®à¤œà¥‰à¤¨-फà¥à¤²à¤¿à¤ªà¤•à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ का नाम आपने आज सà¥à¤¨à¤¾ है… हम जब से खड़े हà¥à¤ हैं, तब से यही कर रहे है। बस हम पैकेट की जगह बम लेकर चलते हैं।’
6- अब à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ की तरफ से à¤à¤¯à¤° मारà¥à¤¶à¤² à¤à¤¸à¤•à¥‡ à¤à¤¾ बोल रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया, IAF में 24 जून से à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ हो जाà¤à¤—ी। ऑनलाइन नोटिफिकेशन उस दिन जारी की जाà¤à¤—ी। à¤à¤• महीने बाद, 24 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से फेज 1 à¤à¤—à¥à¤œà¤¾à¤® की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ होगी। दिसंबर के अंत तक अगà¥à¤¨à¤¿à¤µà¥€à¤°à¥‹à¤‚ के पहले बैच को à¤à¤¨à¤°à¥‹à¤² कर लेंगे। 30 दिसंबर से पहले बैच की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग शà¥à¤°à¥‚ हो जाà¤à¤—ी।
7- ले. जनरल अनिल पà¥à¤°à¥€ ने कहा कि ‘अगà¥à¤¨à¤¿à¤ªà¤¥’ योजना के खिलाफ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को à¤à¤¡à¤¼à¤•à¤¾à¤¯à¤¾ गया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कोचिंग संचालकों को जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° बताया। पà¥à¤°à¥€ ने जानकारी दी कि à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ में शामिल होने वाले हर अà¤à¥à¤¯à¤°à¥à¤¥à¥€ को यह à¤à¤«à¤¿à¤¡à¥‡à¤µà¤¿à¤Ÿ देना होगा कि उसने किसी पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ में हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं लिया, कोई केस दरà¥à¤œ नहीं हà¥à¤†à¥¤ ये पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ कर दिठगठहैं।
8- पà¥à¤°à¥‡à¤¸ कॉनà¥à¤«à¥à¤°à¥‡à¤‚स में पà¥à¤°à¥€ ने यà¥à¤µà¤¾à¤“ं से कहा कि ‘जो à¤à¥€ यà¥à¤µà¤¾ इधर-उधर घूम रहे हैं à¤à¤Ÿà¤• रहे हैं वह अपना समय बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ नहीं करें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि किसी के लिठà¤à¥€ फिजिकल टेसà¥à¤Ÿ पास करना उतना आस&agr