सोमवार मनेगी गुरू पूर्णिमा, गिरिराज तहलहटी में बनी अटूट मानव श्रंखला
सोमवार मनेगी गुरू पूर्णिमा, गिरिराज तहलहटी में बनी अटूट मानव श्रंखला
-ब्रज क्षेत्र मरण स्थित मठ आश्रमों में शुरू हुआ शिष्यों का आगमन, करेंगे दीक्षा ग्रहण
-गुरु-शिष्य परंपरा का अनूठा उदाहरण है गोवर्धन का पांच दिवसीय मुडिया मेला
मथुरा । गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु शिष्य परंपरा का अनूठा पर्व है, भीडभाड भले ही गोवर्धन में ही रहती हो लेकिन ब्रज क्षेत्र के समूचे मठ मंदिर और आश्रम गुरु शिष्य परंपरा के साक्षी बनते हैं, वहीं शिक्षण संस्थानों में भी गुरू पूर्णिमा का पर्व श्रद्धाभाव से मनाया जाता है, प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, शिष्य इस दिन अपने गुरु की विधि विधान से पूजा अर्चना कर दीक्षा ग्रहण करते हैं, परंपरा का निर्वहन करने के लिए शिष्यों ने गुरु आश्रमों में डेरा डाल दिये हैं ।
धार्मिक मान्यता के अनुसार यह प्रथा सदियों से चली आ रही है, इस परंपरा का निर्वहन आज भी चैतन्य महाप्रभु के परम शिष्य श्रीपाद सनातन गोस्वामी के अनुयायी करते हैं, आषाढ़ पूर्णिमा को मुडिया पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, सनातन गोस्वामी चैतन्य महाप्रभु के कृपा पात्र शिष्य थे, सन् 1515 में चैतन्य महाप्रभु ब्रज में पधारे, कुछ समय ब्रज में व्यतीत करने के उपरांत वह बंगाल वापस चले गये, महाप्रभु के परमशिष्य गौड़ेश्वर संप्रदाय के आचार्य श्रील श्रीपाद सनातन गोस्वामी गुरू के आदेशानुसार 1516 ई. में ब्रज में लुप्त तीर्थों के उद्धार व ब्रज भक्ति के संवर्धन और भगवत सेवा प्रसाद के लिए वृंदावन आये ।
यदा-कदा भजन करते हुए विरक्त संन्यासी के रूप में सनातन गोस्वामी गिरिराज परिक्रमा का संकल्प लेकर कमलेश्वर महादेव पर झोपड़ी में रहने लगे, यहां उन्होंने भागवतामृत ग्रंथ की रचना की, 1558 ई0 में अखंड ब्रजवास के बाद गुरु पूर्णिमा के दिन उन्होंने निकुंज लीला धरा धाम में प्रवेश कर गए, वह प्रतिदिन मुंडन किये हुए गिरिराज परिक्रमा करते थे इसलिए उनके बाद उनके विरह में शोकाकुल ब्रजवासी और उनके अनुयायी शिष्य श्रद्धालुओं ने सिर मुड़ाकर मानसी गंगा में स्नान कर विमान निकालकर परिक्रमा लगाई थी, तभी से यह मेला मुडिया पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध हुआ, प्रतिवर्ष इस तिथि में मुडि़या संकीर्तन के साथ शोभायात्रा निकाली जाती है, इस बार शोभायात्रा तीन जुलाई को श्रीपाद सनातन गोस्वामी के अनुयायी शिष्यों द्वारा गोवर्धन के चकलेश्वर स्थित श्रीराधा श्याम सुंदर मंदिर से संत राम कृष्ण दास के नेतृत्व में निकाली जायेगी, रविवार को प्रातः मुडिया संत श्रीराधा श्याम सुंदर मंदिर में सिर मुंडन कराकर परंपरा का निर्वहन करेंगे, तीन जुलाई को अनुयाई शिष्य गुरु पूजन कर मुडिया शोभायात्रा वाद्य यंत्रों के बीच नाचते गाते निकालेंगे ।