हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना में फिर फंसे सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती

 

 


हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना में फिर फंसे राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती
राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा दूसरी बार की गई है आदेश की अवमानना 
उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई को जारी आदेश में एक सप्ताह में अनुपालन करने का दिया निर्देश
बालकृष्ण अग्रवाल ने विकास प्राधिकरण से मांगी थीं डैम्पियर नगर से सम्बन्धित जानकारी
डैम्पियर नगर के व्यावसायिक मानचित्रों की सूची आदि के बारे में मांगी गईं थीं प्रमाणित सूचना 
महायोजना में घनी आबादी दर्ज होने के बावजूद चल रहे हैं व्यावसायिक निर्माण है दर्ज 
-घनी आबादी क्षेत्रों में व्यावसायिक व औद्योगिक गतिविधियाँ नहीं हो सकतीं हैं संचालित 
-उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2003 में पारित किया जा चुका है आदेश, जारी है शासनादेश 
       मथुरा । उच्च न्यायालय द्वारा मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण से जुड़े एक मामले में राज्य सूचना आयुक्त पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना मामले में एक फिर से कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में निर्देश का पालन करने का अंतिम अवसर दिया गया है, हाईकोर्ट द्वारा राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती पर यह कार्यवाही उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा छह दिसंबर को शहर के डैम्पियर नगर से सम्बन्ध में मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण से दो माह में सूचना उपलब्ध कराये जाने को दिये गये निर्देश का अनुपालन नही करने पर दूसरी बार न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई है, यह कार्यवाही जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल द्वारा कोर्ट ऑफ कंटम्प्ट के तहत याचिकाकर्ता बालकृष्ण अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका पर 25 जुलाई को सुनवाई करते हुए की गई है, राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती को न्यायालय के 6 दिसम्बर 2022 के आदेश की अवमानना पर 21 अप्रेल को जारी आदेश में भी न्यायालय के आदेश की अवहेलना का प्रथमदृष्टया दोषी माना था जिसका राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा समय रहते अनुपालन नही किया गया था ।
    मथुरा शहर के कृष्णा नगर निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट व पत्रकार बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण से वर्ष 2020 की 28 दिसम्बर को शहर के पॉश एरिया डैम्पियर नगर के भू उपयोग और यहां हो रहे व्यावसायिक निर्माणों आदि के सम्बंध में कुल पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी जिसपर विप्रा द्वारा कोई जानकारी नहीं देने पर प्रार्थी द्वारा वर्ष 2021 की 27 फरवरी व 28 जुलाई को विप्रा सचिव यानी प्रथम अपीलीय अधिकारी से वांछित सूचनाओं को प्रदान किये जाने का आग्रह किया गया लेकिन विप्रा के सचिव द्वारा प्रार्थी के आवेदन पर कोई संज्ञान नही लिया गया और विप्रा सचिव द्वारा ना ही प्रार्थी को वांछित सूचनाओं एवं जानकारियां ही उपलब्ध नहीं कराई गईं ।
   वादी बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा राज्य सूचना आयोग लखनऊ के समक्ष 17 सितम्बर 2021 को द्वितीय अपील दाखिल की गई जिसपर राज्य सूचना आयोग लखनऊ द्वारा 21 सितम्बर 2022 को सुनवाई हुई, में विप्रा के जनसूचना अधिकारी द्वारा भ्रामक और गुमराह किये जाने वाली सूचना उपलब्ध कराने पर वादी ने राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए जनसूचना अधिकारी द्वारा दी गईं सूचनाओं पर आपत्ति व्यक्त की गई लेकिन राज्य सूचना आयुक्त ने वादी के पक्ष को अनसुना करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से अपील को निस्तारित कर दिया था जिसपर बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा 12 अक्टूबर को राज्य सूचना आयोग लखनऊ में उक्त प्रकरण पर पुनः सुनवाई के लिये आवेदन के साथ ही मुख्यमंत्री व राज्यपाल को पत्र प्रेषित कर उक्त प्रकरण की जानकारी देने के साथ ही राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती के कृत्यों की शिकायत करते हुए उच्चस्तरीय जांच कराये जाने का आग्रह किया गया ।
       याचिकाकर्ता बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा एक दिसम्बर को उच्च न्यायालय प्रयागराज में दायर याचिका पर उच्च न्यायालय की बैंच 9 में जस्टिस प्रकाश पाड़िया द्वारा 6 दिसम्बर को सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त लखनऊ को वादी बालकृष्ण अग्रवाल के पुनः सुनवाई प्रकरण पर दो माह में सुनवाई करने और वादी को डैम्पियर नगर से सम्बंधित सभी वांछित सूचनाओं को उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया था जिसका राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा अगले चार माह में भी अनुपालन नही किये जाने पर वादी द्वारा उच्च न्यायालय में कोर्ट ऑफ कण्टम्प्ट एक्ट के तहत अपील दाखिल की गई जिसपर जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने 21 अप्रेल 2023 को राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती को प्रथमदृष्ट्या दोषी मानते हुए एक सप्ताह में अदालत के आदेश के अनुपालन करने का निर्देश दिया था ।
     उच्च न्यायालय द्वारा 21 अप्रेल 2023 को जारी निर्देश पर राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा उक्त समय सीमा में प्रकरण का निस्तारण नही किये जाने पर वादी बालकृष्ण अग्रवाल ने पुनः कोर्ट ऑफ कण्टम्प्ट की अपील दाखिल की गई जिसपर 25 जुलाई को सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती को उक्त प्रकरण में दूसरी बार प्रथमदृष्टया दोष मानते हुए उन्हें एक सप्ताह में हाईकोर्ट के आदेश का कड़ाई के साथ अनुपालन करने का निर्देश दिया है, साथ ही आदेश का अनुपालन नही होने की स्थिति में वादी बालकृष्ण अग्रवाल को पुनः हाईकोर्ट आने का निर्देश दिया गया है, हाईकोर्ट में वादी की ओर से एडवोकेट कीर्तिमान सिंह और दीपक पटेल ने पैरवी करते हुए अपना पक्ष रखा जिसका संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने अजय कुमार उप्रेती को सख्त चेतावनी दी है, वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट द्वारा राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती को दूसरी बार प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए की गई इस कार्यवाही से राज्य सूचना आयोग लखनऊ में हड़कम्प की स्थिति बन गई है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयोग का आलाकमान मामले को जल्द सुलझाने की जुगत में लगा हुआ है ।

 

Advertisement
Advertisement
About Loktantra

भारत दुनियाभर का एक मात्र ऐसा लोकतांत्रिक देश है जो जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के आधार पर एक अहम स्थान रखता है हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था भी बेमिसाल है यहां ग्राम ,मोहल्ला स्तर से लेकर जनपद, प्रदेश व देश स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित है। राज्य व केंद्रीय शासन द्वारा देश के प्रत्येक जनता की समस्याओं का ध्यान रखते हुए प्रशासनिक व्यवस्थाएं क्रियान्वित की जाती हैं |लोकतंत्र का आगाज उसी लोकतंत्रिक व्यवस्था की कड़ी के रूप में प्रत्येक नागरिक की आवाज का आगाज करते हुए समाचार प्रसारित कर शासन प्रशासन तक समस्याओं को प्रदर्शित कर व शासन-प्रशासन की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने में सजग है।

Total Users: 426998
Get In Touch

Office : faujadar market, opp. Patiram mandir, sonkh road, krishna nagar, mathura-281004

7417674275

[email protected]

Copyright ©2024 InzealInfotech. All rights reserved.