एडॉप्शन वीक : स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई वेबनॉर संगोष्ठी
एडॉप्शन वीक : स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई वेबनॉर संगोष्ठी
-गोद लिये बच्चे को मिलने चाहिए सभी अधिकार व पारिवारिक परिवेश
-महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यूनीसेफ के सहयोग से किया गया वेबनॉर
मथुरा । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 16 से 22 अक्टूबर तक एडॉप्शन वीक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसके क्रम में बुधवार को यूनिसेफ के सहयोग से एक वेबनॉर का आयोजन किया गया जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग के मण्डलीय अधिकारियों सहित यूनिसेफ, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, विभिन्न जिलों के जिला प्रोबेशन अधिकारी, बाल कल्याण समिति, महिला सशक्तीकरण केंद्र, चाइल्ड हेल्पलाइन, किशोर न्याय बोर्ड, सहित वन स्टॉप सेंटर के अलावा बाल देखरेख को लेकर सक्रिय संस्थाओं के प्रतिनिधियों और मीडियाकर्मियों ने प्रतिभाग किया ।
विभाग की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि एडॉप्शन वीक कार्यक्रम के तहत लोगों को बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी देकर उन्हें जागरूक करने का काम किया जा रहा है, हमें कई बार रेलवे और बस स्टेशन, झाड़ियों में नवजात बच्चे मिलते हैं जिन्हें देर हो जाने पर बचाना मुश्किल हो जाता है, जो लोग बच्चों को नहीं पालना चाहते हैं, वह अस्पताल, शिशु गृह या फिर किसी सुरक्षित संस्था के सुपुर्द कर दें अथवा 1098 निशुल्क नंबर पर चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित करें, अस्पतालों और शिशु गृह में पालना लगाये जाने चाहिए, लोग उसी पालने में अपने बच्चे को छोड़ सकते हैं जिससे बच्चा सुरक्षित हाथों तक पहुंच सके ।
महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक पुनीत मिश्रा ने बताया कि बच्चों को गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था है, कोई भी परिवार cara.wcd.gov.in वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं, बाल अधिकारों के विशेषज्ञ और यूनिसेफ इंडिया के विशेषज्ञ प्रभात कुमार ने कहा कि गोद लेने वाले परिवार व हम सभी का दायित्व है कि बच्चे को इस तरह का संरक्षण दे कि बच्चे को सभी अधिकार मिले, उन्हें पूरी तरह से पारिवारिक परिवेश मिले, बच्चे के साथ भेदभाव नही होने पाये, गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता है, बाल संरक्षण विशेषज्ञ करूणा नारंग ने कहा कि बेटे की चाह में कई परिवारों में बच्चों की संख्या बढ़ती जाती है, ऐसे में बच्चों को अकेला छोड़ देने की बजाय महिलाओं को जागरूक किया जाना चाहिए, अंत में प्रश्नोत्तर सत्र रखा गया जिसमें विभिन्न जिलों से प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछे जिनका विशेषज्ञों ने उत्तर दिया गया, कार्यक्रम का संचालन विभाग के राज्य परामर्शदाता नीरज मिश्र ने किया ।