
महिलाएं पं० दीनदयाल के अंत्योदय के विचार को जाने-बबीता चौहान
महिलाएं पं० दीनदयाल के अंत्योदय के विचार को जाने-बबीता चौहान
-महिला लोकगीत प्रतियोगिता के साथ दीनदयाल उपाध्याय जन्मोत्सव मेले का हुआ समापन
मथुरा (फरह) । पं0 दीनदयाल उपाध्याय जन्मोत्सव मेला के तीसरे दिन शनिवार को दीनदयाल धाम में आयोजित महिला लोकगीत प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि बबिता चौहान अध्यक्ष राज्य महिला आयोग ने कहा कि हम महिलाओं को मजबूत करें, यह तभी संभव होगा जब सभी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो ।
उन्होंने कहा कि पं० दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय का विचार दिया था, उन्हीं के सिद्धांत के अनुसार जब तक अंतिम पंक्ति में अंत में बैठी महिला का उद्धार नहीं कर दूंगी, तब तक चैन से नहीं बैठूंगी, जब तक महिलाएं अंत्योदय को विचार को स्वयं नहीं जानेगी, तब तक अंत्योदय का सपना साकार नहीं होगा, मुख्य अतिथि श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर मैत्रेयी गिरी महाराज श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा ने आशीर्वचन देते हुए भारतीय संस्कृति, संस्कार और परम्परा को अपने जीवन में अपनाने पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि पण्डित जी लोक संस्कृति के लोप होने और पाश्चात्य संस्कृति के हावी होने पर चिंतित थे, लोक संस्कृति जो लोप होती जा रही है वह महिलाओं में जागृति आने से आयेगी, उन्होंने अस्त्र शस्त्र की प्रतियोगिता कराने का भी सुझाव दिया, विधायक श्रीकांत शर्मा ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया ।
इससे पूर्व बालिका और महिलाओं के वर्ग में लोकगीतों की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया, प्रतियोगिता में जच्चा गीत, लगुन गीत, भांवर गीत, बधाई गीत, विवाह का कौमरी गीत आदि भारतीय संस्कृति से ओत प्रोत प्रस्तुतियां दी और सभी को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। बालिका वर्ग में आठ और महिला वर्ग में ग्यारह टीमों ने प्रतिभाग किया, कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक श्रीकांत शर्मा, समिति पदाधिकारियों व अतिथियों द्वारा पं० दीनदयाल उपाध्याय के चित्रपट के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया, कार्यक्रम संयोजक रीना सिंह, डॉ0 जमुना शर्मा, सह संयोजक कमलेश चौहान व प्रमिला राजपूत रहीं, संचालन रूबी शाक्य ने किया, रीमा सिसोदिया, पूजा शर्मा, अनीता कुशवाह, पविता कुशवाह, ममता पचौरी, राजकुमारी पाराशर आदि भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।