
मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद गम्भीर नहीं हुआ जिला प्रशासन
मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद गम्भीर नहीं हुआ जिला प्रशासन
-किसानों को हुआ करोड़ों का नुकसान, ना ही जिम्मेदारों पर की गई कोई भी कार्यवाही
मथुरा । मौसम विभाग द्वारा तीन दिन का बरसात को लेकर अलर्ट जारी किया गया था, किसानों ने इस अलर्ट को गंभीरता से लिया, मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर किसान अब पूरा विश्वास करने लगे हैं, किसानों ने खेतों में बाजरे की कटाई रोक दी थी और जो फसल खतों में पडी थी उसे घर पहुंचाने के लिए ऐडी चोटी का जोर लगा दिया था जिन किसानों के खेतों में धान की फसल पकी खडी है, उन्होंने भी फसल को बचाने के लिए हर संभव जतन किया।
मौसम विभाग ने जनपद में 80 प्रतिशत बरसात का अनुमान जारी किया था, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने घोर लापरवाही दिखाई और मौसम विभाग के अलर्ट पर किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड रहा है, जो किसान अपना धान और बाजरा की फसल को लेकर मंडी आ गये थे अब वह घर के रहे हैं न ही मंडी के रहे हैं, मंडी में बरसात का पानी कई फीट तक जमा हो गया, नाले का पानी भी मंडी में उल्टा मंडी में जमा हो गया जिससे किसानों का करोड़ों रुपये का धान और बाजरा पानी में डूब गया।
मंडी समिति की ओर से किसी तरह के प्रयास इस दौरान देखने को नहीं मिले, अब आढ़तिया ने फसल को खरीदने से मना कर दिया हो, किसानों के पास फसल को वापस घर ले जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है, वहीं किसानों को यह भी समझ नहीं आ रहा है कि वह अपनी उपज को घर ले जाकर इसका क्या करेंगे, जिला प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आने के बाद भी जनप्रतिनिधियों की ओर से मंडी का दौरा तक नहीं किया गया, किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए कोई घोषणा नहीं की गई और ना हीं मंडी समिति की ओर से किसी तरह के मुआवजे की बात कही गई हैं जिससे किसान मायूस हैं और खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं ।