डीएम ऑफिस मथुरा पर सूचना आयुक्त ने फिर लगाया 25 हजार का जुर्माना
डीएम कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी पर फिर लगा 25 हजार का जुर्माना
-राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने छह सितम्बर को सुनवाई में सुनाया फैंसला
-आरटीआई एक्टिविस्ट बालकृष्ण अग्रवाल की शिकायत पर डीएम ऑफिस पर हुई कार्यवाही
-बालकृष्ण अग्रवाल ने जिलाधिकारी मथुरा से की थी डैम्पियर नगर के सम्बंध में शिकायत
-जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय से मांगी थी शिकायती पत्र पर कार्यवाही की सूचना
-राज्य सूचना आयुक्त ने अधिनियम की धारा 20(1) के तहत अधिरोपित किया अर्थदण्ड, नही हुई 20(2) के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही
मथुरा । राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा छह सितम्बर को जिलाधिकारी कार्यालय के लोक राज्य सूचना अधिकारी पर 25000 हजार रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित कर दंडित किया है, आरटीआई एक्टिविस्ट एवं पत्रकार बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा डैम्पियर नगर के सम्बंध में जिलाधिकारी को प्रेषित शिकायत पर कार्यवाही की सूचना उपलब्ध नही कराने के मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने डीएम कार्यालय के जनसूचना अधिकारी को सूचना का अधिकार के मामले में गम्भीरता पूर्वक कार्य नही करने एवं राज्य सूचना आयोग के आदेश की अवहेलना का दोषी मानते हुए यह कार्यवाही की है ।
दरअसल बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा विगत वर्ष 14 अप्रेल को जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र प्रेषित किया गया था जिसमें उन्होंने शहर के आवासीय क्षेत्र डैम्पियर नगर में बड़ी संख्या में व्यवसायिक निर्माणों की शिकायत करते हुए विधिपूर्वक कार्यवाही किये जाने की मांग की गई थी, शिकायतकर्ता बालकृष्ण अग्रवाल ने अपने शिकायती पत्र पर जिलाधिकारी कार्यालय से कार्यवाही के सम्बंध में 18 जुलाई 2022 को सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी मांगी जिसको जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण को अंतरित कर दिया जिसपर जिलाधिकारी कार्यालय को प्रथम अपील दाखिल करते हुए आपत्ति व्यक्त की, उसे भी जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा मथुरा वृन्दावन को स्थान्तरित कर दिया लेकिन सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई ।
उपरोक्त प्रकरण को लेकर बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग लखनऊ में जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय के विरुद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 18 के अंतर्गत आवेदन करते हुए जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय के विरुद्ध शिकायत दर्ज कर कार्यवाही की मांग की गई, राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा उक्त मामले में 8 फरवरी और 6 जून को सुनवाई करते हुए जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय को उपरोक्त प्रकरण में अपना पक्ष रखने व अगली सुनवाई में स्वयं उपस्थित रहने के आदेश पारित किये गये थे लेकिन जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय उपरोक्त प्रकरण पर हुई किसी भी सुनवाई में ना तो स्वयं उपस्थित हुए और ना ही अपना पक्ष रखने को कोई भी लिखित कथन प्रस्तुत किया गया ।
राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा 6 सितम्बर को हुई सुनवाई के दौरान बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा आवेदित उक्त प्रकरण पर गहन अध्ययन करते हुए जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय मथुरा को सूचना का अधिकार अधिनियम के सम्बंध में गम्भीरता नही बरतने के साथ ही राज्य सूचना आयोग के आदेश की अवहेलना किया जाना मानते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) के अंतर्गत 25 हजार रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है, हालांकि राज्य सूचना आयुक्त द्वारा जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय मथुरा के विरुद्ध अधिनियम की धारा 20(2) की कार्यवाही नहीं की गई है जबकि जनसूचना अधिकारी पर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) के साथ ही धारा 20(2) के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का भी प्रावधान है, वहीं गौरतलब है कि इसी वर्ष की दो अगस्त को भी राज्य सूचना आयुक्त द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट बालकृष्ण अग्रवाल की शिकायत पर जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय पर 25 हजार रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया था, इसी तरह से सूचना का अधिकार के मामलों पर जनसूचना अधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा गम्भीरता नही बरते जाने के तमाम उदाहरण हैं जिसकी वजह से तमाम आरटीआई कार्यकर्ताओं को राज्य सूचना आयोग लखनऊ तक दौड़भाग करने को विवश होना पड़ रहा है ।