पशु चिकित्सा महाविद्यालय का 77वाँ स्थापना दिवस सम्पन्न 

पशु चिकित्सा महाविद्यालय का 77वाँ स्थापना दिवस सम्पन्न 
पशु चिकित्सा विज्ञान में शिक्षा एवं शोध के लिए 1947 में की गई थी स्थापना
     मथुरा । उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान में पशु चिकित्सा महाविद्यालय का स्थापना दिवस मनाया गया। चार जनवरी से तीन फरवरी तक चलने वाले दीक्षोत्सव माह के अंतर्गत, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय का स्थापना दिवस विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित किया गया ।
     प्रो0 श्रीवास्तव ने बताया कि मथुरा पशु चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना 16 जनवरी 1947 में पशु चिकित्सा विज्ञान में शिक्षा एवं शोध के लिए की गई थी। यह देश का पहला पशु चिकित्सा महाविद्यालय था, जिसने पशु चिकित्सा विज्ञान में डिग्री कार्यक्रम शुरू किया और पशु चिकित्सा स्नातक की डिग्री प्रदान की तथा वर्ष 1951 में भारत में पहली बार पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान के कई विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम प्रारंभ करने का गौरव भी इस महाविद्यालय को प्राप्त है। पशुओं के उत्तम रखरखाव, स्वास्थ्य तथा उत्तम उत्पादकता प्राप्त करने के लिए पशुधन का उन्नत किस्म तथा स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए पशु चिकित्सा विशेषज्ञ का होना अत्यंत आवश्यक है। 
   मथुरा पशु चिकित्सा महाविद्यालय पिछले 77 सालों से लगातार पशु चिकित्सा विशेषज्ञ तैयार कर प्रदेश तथा देश को समर्पित करता आ रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के कुलपति, प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह नाम बताया कि मथुरा पशु चिकित्सा महाविद्यालय का स्वर्णिम इतिहास है । यहां के स्नातक तथा परास्नातको ने देश के विभिन्न संस्थानों में गरिमामय पदों को सुशोभित कर, इस महाविद्यालय का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने बताया कि पशु पालकों को अच्छा उत्पादन एवं अच्छा आर्थिक लाभ हेतु प्रेरित करना पशु चिकित्सा विशेषज्ञो का महत्व पूर्ण दायित्व है।
    उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं जैसे पशु चिकित्सा विषय पर कविता लेखन, स्केच, कोलाज, पोस्टर बनाना, क्विज, निबंध लिखना, गुलदस्ता बनाना तथा रंगोली की प्रतियोगिता आयोजित की गई। विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर देश दीपक सिंह ने बताया कि इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक शोध, प्रोफ़ेसर विनोद कुमार; निदेशक प्रसार प्रोफेसर अतुल सक्सेना; अधिष्ठाता, परास्नातक, प्रोफेसर अर्चना पाठक; कुलसचिव प्रोफेसर अरुण कुमार मदान, डॉ. नित्यानंद पांडे, अधिष्ठाता, मत्स्यिकी महाविद्यालय; प्रोफेसर रश्मि सिंह अधिष्ठाता, डेरी विज्ञान महाविद्यालय प्रोफेसर आरपी पांडे, अधिष्ठाता, जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय; निर्देशक, डिप्लोमा, प्रोफेसर सरजीत यादव; प्रोफेसर दीपक शर्मा; प्रोफेसर विजय पांडे; प्रोफेसर संजय पुरोहित; प्रोफेसर अतुल प्रकाश; प्रोफेसर बृजेश यादव; प्रोफेसर अमित सिंह; प्रोफेसर लक्ष्मी प्रसाद सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

 

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