काशीराम कॉलोनियों के अधिकांश फ्लैटों में बस गये किरायेदार, जिम्मेदार मौन
काशीराम कॉलोनियों के अधिकांश फ्लैटों में बस गये किरायेदार, जिम्मेदार मौन
गरीबों के लिए बने सरकारी आवासों में रह रहे हैं किरायेदार, आबंटी वसूल रहे किराया
-गांव अजीजपुर व कोसीकलां के अलावा अन्य काशीराम आवासों में भी किरायदारों का कब्जा
-अधिकांश काशीराम कॉलोनियों से असमाजिक गतिविधियों का भी हो चुका है खुलासा
कोसीकलां (मथुरा) । राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गांव अजीजपुर और शहर के राठौर नगर के सैनी मोहल्ला में शहरी आवास योजना के तहत बने काशीराम कॉलोनी के आवासों को आवंटी किराए पर संचालित कर रहे हैं, इन आवासों में आवंटी स्वयं नही रहकर अन्य लोगों को किराये पर दे रखा है जिसके एवज में उन्हें ढाई से तीन हजार रुपये प्रतिमाह मिल रहा है, किराये पर आवास लेने वालों में अधिकांश आपराधिक प्रवृत्ति के हैं और वह असामाजिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं, लगभग यही स्थिति जनपद की अन्य काशीराम कॉलोनियों का भी है लेकिन जिम्मेदार विभाग द्वारा मौन मुद्रा में रहते हुए किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की जा रहा है ।
बसपा सरकार में प्रदेशभर में गरीब लोगों को अपनी छत मुहैया कराने के उद्देश्य को लेकर प्रत्येक जनपद में कई-कई काशीराम कॉलोनियों को विकसित कराया गया था लेकिन जिम्मेदार विभाग ने सरकार के दिशा निर्देशों को ताकपर रखते हुए अपात्र लोगों को भी काशीराम कोलीनी में आवासों का आबंटन कर दिया जिससे पात्रों का हक छिनने के साथ ही अधिकारियों की जेबें भारी हुईं और अपात्रों ने कायदे कानून को ठेंगा दिखाते हुए हथियाये गरीबों के लिये बनी योजना के आवासों को किराये पर चढ़ाते हुए किराएदारों से मोटी रकम वसूलना शुरू कर दिया, वहीं दूसरी ओर ऐसे आवासों असमाजिक गतिविधियों की खबरें भी आयेदिन आती ही रहती हैं, पुलिस की कार्यवाहियों में भी ऐसे असमाजिक कृत्यों का खुलासा होता रहता है ।
जनपद में निर्मित टाउनशिप स्थित काशीराम कॉलोनी के अलावा वृन्दावन, कोसीकलां आदि में उत्तर प्रदेश में बसपा नेता मायावती के कार्यकाल में काशीराम आवास योजना के अंतर्गत निर्मित हुई काशीराम कॉलोनियों में ऐसे मामलों को बखूबी देखा जा सकता है, हालांकि प्रशासन द्वारा समय-समय पर मिलने वाली शिकायतों पर यहां छापेमारी की जाती रही है जिनमें इन सरकारी आवासों का अपात्रों को आबंटन के साथ ही यहां से होने वाली असमाजिक गतिविधियों का खुलासा होता रहा है, गरीबों के लिए निर्मित की गई कांशीराम कॉलोनी में गरीब बनकर बड़ी संख्या में अपात्रों ने सरकारी आवास हथिया लिए थे जिनमें ज्यादातर लोगों ने सरकारी आवास किराये पर उठा दिए हैं और आवास मालिक अपने निजी मकानों में रहते हैं जबकि अधिकतम आवासों में ताले लटके हुए हैं, इन आवासों के मालिक कहां रहते हैं, इसकी जानकारी पडोसियों तक को नहीं है, वहीं कई आवासों में तो कुछ ऐसे लोग भी हैं जो जबरदस्ती कब्जा किए हुए हैं, ऐसे कृत्यों से गरीब व पात्रों को इन सरकारी आवासों के आबंटन से वंचित रहना पड़ रहा है ।
इसी तरह के मामलों का खुलासा कोसीकलां क्षेत्र अंतर्गत गांव अजीजपुर और शहर के राठौड़ नगर स्थित काशीराम कॉलोनी में भी हो चुका है, कुछ माह पहले प्रशासनिक अधिकारियों ने इन दोनों कांशीराम कॉलोनियों में छापेमारी की थी, उस दौरान पाया गया था कि कांशीराम आवास में करीब 40 फीसदी से भी अधिक लोग दूसरे के नाम से अलॉट किए हैं कमरे में रह रहे हैं, हालांकि ऐसे लोगों को अल्टीमेटम दिया गया था कि समय सीमा पर आवासों को खाली कर दें अन्यथा की स्थिति में उनके खिलाफ विधिवत कार्यवाही की जायेगी लेकिन समय बीतने के बाद अधिकारियों का ध्यान इधर से हट गया और कब्जा करने वालों का मनोबल बढ़ गया, ऐसे मे यहां पहले से भी बदतर स्थिति हो गई, वहीं प्रशासनिक कार्यवाही के डर से जो लोग कमरा छोड़कर भाग गए थे, वह पुनः आकर कब्जा जमा किए हैं, यहां से ज्यादातर गलत कार्यों की शिकायतें पुलिस को मिलती हैं लेकिन जिम्मेदार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं ।