सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने दिया ढाई करोड़ का आदेश, बटोरी सुर्खी
सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने दिया ढाई करोड़ का आदेश, बटोरी सुर्खी
-जनसूचना अधिकारी को दी ढाई करोड़ अर्थदण्ड की चेतावनी का आदेश
-राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने पारित किया नियम विरुद्ध आदेश, उठे सवाल
-हरपाल सिंह ने अधिशासी अभियंता नलकूप विभाग लखीमपुर खीरी से मांगी थी सूचना
-एक्टिविस्ट जितेन्द्र बहादुर सिंह ने सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही पर लगाये गम्भीर आरोप
लखनऊ । उत्तर प्रदेश का राज्य सूचना आयोग अपीलों एवं शिकायतों पर कितनी गंभीरता के साथ सुनवाई की जाती है जिसका खुलासा एक अपील में सूचना आयुक्त द्वारा पारित आदेश के मामले से हो गया है, राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने एक अपील की सुनवाई में एक जनसूचना अधिकारी को 26 अप्रेल 2023 को पारित आदेश में 2 करोड़ 50 लाख 18 हजार 300 सौ रुपये का अर्थदंड लगाने की चेतावनी दे डाली है, जोकि प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है, चौतरफ़ा चर्चाओं में राज्य सूचना आयुक्त की बुद्धिमता सुर्खियां बटोर रही है ।
लखनऊ निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट एवं पत्रकार तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के अंतर्गत राज्य सूचना आयुक्त को 250/- रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 25 हजार रुपये से ज्यादा का अर्थदंड अधिरोपित करने का अधिकार ही नहीं है, राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही द्वारा जनसूचना अधिकारी पर ढाई करोड़ के जुर्माने की चेतावनी देना, उनकी योग्यता को दर्शाता है, वहीं झूठी लोकप्रियता हासिल करने का भी प्रयास है, अधिनियम के प्रावधान के साथ भी छेड़छाड़ है, इस सम्बन्ध में आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र बहादुर सिंह ने इस मामले के सम्बंध में कहा की सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही द्वारा जनसूचना अधिकारी को 2,50,18,300/- रुपये का अर्थदंड लगाने की चेतावनी दिये जाने से जहां एक ओर सूचना का अधिकार अधिनियम का खुला उल्लंघन किया गया है तो वहीं दूसरी ओर सूचना आयुक्त द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर जनसूचना अधिकारी पर दबाव बनाने का कुत्सिक प्रयास किया गया है l
दरअसल लखनऊ निवासी हरपाल सिंह द्वारा 15 जुलाई 2020 को सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अधिशासी अभियंता-एक, नलकूप खंड प्रथम लखीमपुर खीरी के जनसूचना अधिकारी से जनता की कितनी शिकायतें आईं और कितनी शिकायतों का निस्तारण किया गया के साथ ही अवर अभियंता के वर्तमान वेतनमान क्या है आदि सहित कुल 10 बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थी जिस सम्बंध में सूचनायें नही मिलने पर हरपाल सिंह ने राज्य सूचना आयोग में धारा 19 (1) के तहत द्वितीय अपील दायर की थी जिसकी सुनवाई सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही द्वारा वर्ष 2021 के अक्टूबर माह से की जा रही थी, वहीं राज्य सूचना आयुक्त द्वारा जनसूचना अधिकारी को 29 मार्च 2023 को नोटिस जारी की गई थी, इसके बावजूद जनसूचना अधिकारी किसी भी सुनवाई में उपस्थित नही हुए थे ।
राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही द्वारा अपीलार्थी हरपाल सिंह की अपील संख्या एस-3/1206/ए/2020 पर 26 अप्रेल 2023 को सुनवाई करते हुए अधिशासी अभियंता-एक, नलकूप खंड प्रथम लखीमपुर खीरी के जनसूचना अधिकारी को सूचनाएं नही देने पर अधिनियम की धारा 20(1) के तहत 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 2 करोड़ 50 लाख 18 हजार 300 सौ रुपये का अर्थदंड लगाने की चेतावनी देने के साथ ही उपरोक्त प्रकरण पर 15 सितंबर 2023 की तिथि निर्धारित करते हुए जनसूचना अधिकारी को संबधित अभिलेख और सम्बंधित सूचना के साथ आयोग के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया है, राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही के इस आदेश को लेकर प्रदेशभर के जनपदों में चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है और राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही की बुद्धिमता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं उनकी योग्यता के साथ ही मानसिक जांच कराये जाने की बात भी अंदर खाने चल रही है, वहीं दूसरी ओर दबी जुबान में यह भी कहा जा रहा है कि किसी अनैतिक मांग को लेकर सम्बंधित विभाग पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है ।