सीडीओ विवाद : एक मंच पर नजर आ रहे हैं किसान संगठन, हुए एकजुट

सीडीओ विवाद : एक मंच पर नजर आ रहे हैं किसान संगठन, हुए एकजुट
-किसान संगठनों के नेताओं द्वारा महसूस की जा रही है एकजुटता की कमी, मंथन शुरू
-सपा पिछड़ा वर्ग, समता फाउंडेशन ने सीडीओ के बयान पर जताई आपत्ति, दिया समर्थन
      मथुरा । किसान दिवस के दौरान बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी के साथ हुए विवाद ने विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े नेताओं को एक मंच पर ला दिया है, जो किसान संगठन अभी तक अलग-अलग स्थानीय स्तर पर किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, वह सभी किसान संगठन एकजुट होते नजर आ रहे हैं, भाकियू टिकैत के अलावा भकियू अराजनैतिक, भाकियू चढूनी, भाकियू सुनील, भाकियू अजगर आदि एक दर्जन से अधिक किसान संगठन जनपद में किसानों के बीच सक्रिय हैं, एकाएक सभी किसान संगठनों के नेताओं के स्वर एक की मिशाल बनते नजर आ रहे हैं ।
       किसान संगठनों के धरना प्रदर्शन के दौरान सरकारी कार्यालयों पर तालेबंद आम बात है, बुधवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय स्थित किसान भवन में किसान दिवस में इसी बात को लेकर बात बिगड गई, सीडीओ और किसान नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाये, किसान संगठनों से जुडे लोगों का आरोप है कि उन्हें अपराधी शब्द से संबोधित किया गया है, इसके अलावा जाते जाते सीडीओ यह भी कहते गये कि अगली बार यह लोग ऐसा करें तो एफआईआर दर्ज करा देना, हालांकि मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार मीना ने किसान नेताओं के आरोपों का खंडन भी किया था ।
       मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि कुछ किसान, किसान दिवस में आये थे, हम थोडा मीटिंग में लेट हो गये थे, डीडी एग्रीकल्चर ने बताया कि यहां पर यह लोग बवाल कर रहे हैं, जब हम पहुंचे तो इन लोगों ने कुछ अधिकारियों को अंदर बंद कर रखा था, बाहर से कुंडी लगा दी थी, समस्याओं का जवाब देने के बाद हमारे द्वारा यह कहा गया था कि जो कृत्य आपके द्वारा किया गया है, यह अधिकारी हैं उनकी भी गरिमा होती हैं, आपके द्वारा जो उनको अरेस्ट किया गया है, इसमें कार्यवाही हो सकती है, इस तरह की घटनाएं किसी को शोभा नहीं देती है, किसी को जबरदस्ती अंदर बंद करना एक क्राइम है, किसी को भी क्रमिलन नहीं या कुछ और नहीं कहा गया है ।   
       हकीकत कुछ भी हो लेकिन इस घटनाक्रम के बाद किसान नेताओं का एक सुर में आना, जनपद की किसान राजनीति को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है, कई किसान संगठनों की ओर से इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, लोग सोशल मीडिया पर भी लगातार अपनी बात रख रहे हैं, वहीं समाजवादी पिछड़ा प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष रमेश सैनी, अखिल भारतीय समता फाउंडेशन के अध्यक्ष लोकेश कुमार राही ने संयुक्त बयान में कहा है कि मुख्य विकास अधिकारी ने गत दिवस किसानों मजदूरों खेत खलिहानों की लड़ाई लड़ने वाले भारतीय किसान यूनियन टिकैत जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार रघुवंशी, भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के आगरा मंडल अध्यक्ष राजकुमार तोमर, भारतीय किसान यूनियन टिकैत महानगर अध्यक्ष पवन चतुर्वेदी, वरिष्ठ किसान नेता गजेंद्र सिंह गावर व अन्य किसान संगठनों के नेताओं को अपराधी एवं क्रिमिनल शांति भंग करने वाला बताकर जो अपमानित किया है, उसकी समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ, अखिल भारतीय समता फाउंडेशन कड़े शब्दों में निंदा करता है ।

 

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