दशलक्षण पर्व पर जैन मंदिरों में नमोकार मंत्र हुए गुंजायमान
दशलक्षण पर्व पर जैन मंदिरों में नमोकार मंत्र हुए गुंजायमान
सत्य धर्म को हम मात्र वचनों तक सीमित करके नही देखें-आयुष जैन
कोसीकलां (मथुरा) । दशलक्षण महापर्व के पांचवें दिन शनिवार को जैन मंदिरों में सुबह से ही कार्यक्रम आयोजित शुरू हो गये, जैन श्रद्धालुओं ने संयम धर्म का पालन किया, मन्दिर परिसर नमोकार मंत्रों के जयघोषों से गुंजायमान हो उठे, इस अवसर पर श्रीचंद्र प्रभुजैन पांडे वाले मंदिर में जैन विद्वान आयुष जैन ने प्रवचन के माध्यम से समाज के लोगों को जीवन के मूल्यों के साथ ही सदमार्ग के बारे में बताया ।
जैन विद्वान आयुष जैन ने कहा कि संस्कृत के शास्त्र पढ़ने सुनने में भले ही समझ नही आयें, फिर भी बैठे रहने से उतनी देर आप बुरे कार्यों से तो बचे ही रहते हैं, सत्य धर्म को हम मात्र वचनों तक सीमित करके नही देखें, वहीं खेड़े वाले जैन मंदिर, आने वाले वाला मंदिर, सपेरे वाला मंदिर, आदि जिनालयों में पूजा की गई, श्रद्धालुओं ने मस्तिष्क पर अभिषेक लगाकर स्वयं को धन्य माना, बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये, सामूहिक आरती का आयोजन हुआ, समाज के अध्यक्ष सुभाष जैन, कैलाश चंदोरिया, ऋषभ जैन, अरुण जैन, विजय जैन, नवीन जैन, राहुल जैन, प्रवीन जैन, दीपक जैन, राजेश जैन, प्रेम जैन, विनोद जैन, सतीश जैन आदि मौजूद रहे ।