श्रद्धालुओं को लुभा रहे प्राचीन कुंड पर खिलते कमल पुष्प
श्रद्धालुओं को लुभा रहे प्राचीन कुंड पर खिलते कमल पुष्प
-प्राचीन समय मे संत हरिदास ने की थी तपस्या, खिल उठे थे कुंड में कमल के फूल
गोवर्धन (मथुरा) । अड़ींग स्थित कमल कुंड से यमुना मिशन संस्था द्वारा काली व चिकनी मिट्टी के दलदल को हटाने के बाद स्वतः पानी के स्त्रोत निकलने से कमल पुष्प खिलने लगे हैं, कुंड पर खिलते कमल पुष्प पर्यटकों खूब लुभा रहे हैं, यमुना मिशन संस्थापक प्रदीप बंसल द्वारा अड़ींग के प्राचीन कमल कुंड के अंदर से गंन्दा पानी व कीचड़ निकलवाने के साथ ही कुंड के चारों तरफ सैकड़ो पौधे रोपे व झूले लगवाये गये हैं, मान्यता हैं की कमल में स्वयं लक्ष्मी और विष्णु भगवान निवास करते हैं, प्राचीन समय मे संत हरिदास ने तपस्या की तो स्वयं ही कुंड में कमल के फूल उत्पन्न हो गये थे, आस्था व विश्वास को लेकर यंहा श्रद्धालु ब्रज चौरासी कोस की यात्रा में दर्शन करने आते हैं ।
ग्राम प्रधान स्नेहलता और दिलीप कुमार ने बताया कि अड़ींग में प्राचीन तीर्थ स्थल कमल कुंड है, हजारों की संख्या में दर्शनार्थी आते थे, संत हरिदास ने कुंड में दिव्य कमल पुष्प की उत्पति की थी, इसी के चलते 150 वर्ष तक पुष्प खिलते रहे लेकिन 2020 में कमल कुंड में गंदा पानी आने के कारण दिव्य पुष्प लुप्त हो गये, ग्रामीणों ने यमुना मिशन संस्थापक प्रदीप बंसल को समस्या से अवगत कराते हुए कमल कुंड की साफ सफाई कीचड़ निकलवाने व कुंड के चारों तरफ पौधे रोपने के साथ झूला लगवाने की मांग की, उन्होंने ग्रामीणों की समस्या का संज्ञान लेते हुए कमल कुंड की साफ सफाई कराई कीचड़ निकलवाया, कुंड के चारों तरफ सैकड़ों पौधे रोपे और झूले लगवाये, इसके बाद कमल कुंड से निकले स्रोतों से कमल पुष्प की कली खिलने लगी, अब सैंकड़ो की संख्या में कमल पुष्प खिल रहे हैं जो यहाँ आने वाले तीर्थ यात्रियों को खूब लुभा रहे हैं ।