बांकेबिहारी मन्दिर : श्रद्धालुओं की आस्था फिर हुई आहत, करना पडा इंतजार

बांकेबिहारी मन्दिर : श्रद्धालुओं की आस्था फिर हुई आहत, करना पडा इंतजार
-मंदिर में आराध्य के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 35 मिनट तक करना पड़ा इंतजार
-मन्दिर के पट 35 मिनट देरी से खुलने की बजह से प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी हुईं प्रभावित
      वृन्दावन (मथुरा) । विश्व प्रसिद्ध ठा0 बांके बिहारी मंदिर में शरद पूर्णिमा को श्रद्धालुओं का दबाव सामान्य दिनों की तुलना में बेहद ही ज्यादा रहा, हालांकि भीड़ के दबाव से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा चाकचौबंद व्यवस्था की गई थी लेकिन मंदिर सेवायतों की मनमानी के चलते एकबारगी मंदिर के बाहर भीड़ का दबाव बहुत ही ज्यादा बन गया, सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धालुओं की भीड से निपटने के लिए कडी मशक्कत करनी पड रही थी, दरअसल शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सेवायत ने मनमानी करके व्यवस्था में व्यवधान डाल दिया ।


     विश्व प्रसिद्ध श्री बांकेबिहारी मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन द्वारा जगमोहन में आराध्य को विराजित करने के आदेश दिये गये थे लेकिन सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर मंदिर के पट खुलने के साथ ही श्रृंगार सेवा अधिकारी ने गर्भगृह में ही आरती कर दी, उधर मंदिर प्रबंधन ने जगनमोहन में सिंहासन रखवा दिया, ऐसे में भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन नहीं हो सके, वहीं जब करीब आठ बजे के बाद सेवा बदली हुई, तब जाकर ठाकुर बांके बिहारी लाल को जगमोहन में विराजित कराया गया जिससे मंदिर के अंदर की व्यवस्था बिगड़ गई, भारी संख्या में पुलिस बल मंदिर में पहुंच गया ।


       शरद पूर्णिमा पर हर वर्ष ठाकुर बांके बिहारी लाल को जगमोहन पर विराजमान कराया जाता है लेकिन श्रृंगार सेवा अधिकारी रसिक बिहारी गोस्वामी ने मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर गर्भ ग्रह से आराध्या से बाहर नही निकले जाने की मांग की थी, इस पर मंदिर प्रशासक ने जगमोहन में ही विराजित करने का आदेश दिया था, सुबह 7ः45 बजे मंदिर के पट खुल गये, इससे पहले ही मंदिर प्रबंधन ने गर्भ ग्रह के आराध्य के लिए सिंहासन रखवा दिया लेकिन सेवा अधिकारी ने उन्हें बाहर नहीं निकाला और गर्भ ग्रह में ही श्रृंगार आरती कर दी, इस दौरान मंदिर में हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े ।
       गर्भ ग्रह के बाहर विशाल सिंहासन रखा होने के कारण श्रद्धालुओं को अपने आराध्य के दर्शन नहीं हो सके, आराध्य को जगमोहन में विराजित नही करने की खबर पर पुलिस व मंदिर प्रबंधन के लोग मंदिर पहुंचे, वहीं जब आठ बजे सेवा अधिकारियों की सेवा बदली, तब पर्दा डालकर ठाकुर जी को जगमोहन में विराजित कराया गया, इस दौरान 20 मिनट और लग गये, सुबह करीब 35 मिनट तक श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं हो सके, श्रद्धालुओं को सुबह 8ः20 पर गर्भगृह से बाहर जगमोहन में चांदी के सिंहासन पर विराजमान ठाकुर जी की दर्शन हुए ।
      श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश कुमार शर्मा ने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट मंदिर प्रशासक मथुरा मुंसिफ कोर्ट को देंगे, मंदिर प्रशासक ने शरद पूर्णिमा पर सुबह से ही गर्भ से बाहर जगमोहन में श्रद्धालुओं को दर्शन करने के आदेश दिये थे लेकिन सुबह के समय गोस्वामी द्वारा गर्भगृह से बाहर जगमोहन में विराजमान नहीं किया गया, इससे श्रद्धालुओं को बहुत ही असुविधा हुई है, सूचना पर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मन्दिर में पहुंचे और सेवायत गोस्वामी समाज से वार्ता कर श्रद्धालुओं को दर्शन सुलभ करवाये ।
 

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