फर्जी रिपोर्ट लगाकर समस्याओं के निस्तारण में माहिर हैं सरकारी विभाग
फर्जी रिपोर्ट लगाकर समस्याओं के निस्तारण में माहिर हैं सरकारी विभाग
-मथुरा में भी देवरिया काण्ड को दोहरा सकती है प्रशासन की मनमर्जी कार्यशैली
-लेखपाल, कानूनगो द्वारा किया जा रहा है फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामलों का निस्तारण
मथुरा । अभी हाल ही कुछ दिनों पूर्व देवरिया में घटित हुई जमीनी विवाद में वीभत्स घटना ने समूचे प्रदेशवासियों को भले ही झकझोर कर रख दिया हो लेकिन सरकारी मुलाजिमों ने इससे कोई सबक नहीं लेना ही मुनासिब समझा है, देवरिया जिले में हुई यह घटना किसी से छिपा नहीं है, इस घटना में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी और कई आला अधिकारी निलंबित भी हुए, सरकारी विभागों द्वारा मनमर्जी से घर बैठे ही फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले को इतिश्री कर लेना इस तरह की घटनाओं के पीछे बड़ी वजह साबित हो रही हैं, ऐसे ही तमाम मामले मथुरा जनपद में भी देखे जा सकते हैं जिनमें कस्बा चौमुहां में चल रहे जमीनी विवाद ने आजकल सुर्खियां बटोरी हुईं हैं, यह कब देवरिया जिले की घटना को दोहरा दे, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
चौमुहां निवासी किसान राजकुमार सिंह का आरोप है कि दबंगों ने उनके खेत का चकरोड बंद कर रखा है, खेत पर जाने का कोई भी रास्ता नहीं बचा है, पीड़ित राजकुमार ने 17 जून को संपूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था जिसपर सीडीओ मनीष मीणा ने तत्काल प्रभाव से टीम गठित कर पैमाइश कराने के निर्देश दिये थे लेकिन लेखपाल द्वारा 30 जून को फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले का फर्जी निस्तारण कर दिया गया, पीड़ित का आरोप है कि लेखपाल ने मिलीभगत से गलत रिपोर्ट लगाई गई है, चकरोड के अभाव में उनके खेत की बुवाई, जुताई आदि कार्य सही समय पर संपादित नहीं हो पा रहे है जिससे उन्हे आर्थिक नुकसान भी हो रहा है, रोजी रोटी का संकट पैदा हो रहा है ।
चौमुहां के ही किसान छत्तर सिंह का कहना है कि उन्होंने संपूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था, पूर्व में यहां कार्यरत लेखपाल ने उनके चक को जाने वाला चकरोड सही कराया था लेकिन दबंगों ने कुछ समय बाद ही फिर से चकरोड को अपने खेत में मिला लिया है, कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद चकरोड सही नहीं कराया जा रहा है, उनके खेत का रकवा भी कम हो गया है, लेखपाल कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं, उनको जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, उन्होंने 18 अक्टूबर को उपजिलाधिकारी एवं तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिये लेकिन लेखपाल ने झूठी रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण कर दिया, ना तो उन्हें मौके पर बुलाया और ना ही सही ढंग से जांच की और ना ही खेत पर जाने का रास्ता सही कराया, लेखपाल बारम्बार निस्तारण की फर्जी रिपोर्ट लगा रहे हैं, लेखपाल, कानूनगो किसानों को गुमराह कर रहे हैं, आरोप है कि लेखपाल व कानूनगो बिना किसी सुविधा शुल्क धरातल पर किसी भी समस्याओं का निस्तारण नहीं कर रहे है, फर्जी रिपोर्ट लगाकर अपने उच्च अधिकारियों को गुमराह करके देवरिया जैसे कांड को अंजाम देने की नीवं रख रहे हैं ।