राजनीति से संन्यास ले चुकी शर्मिष्ठा को ग़ुलाम नबी आज़ाद का ये इंटरव्यू क्यों खला?
हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद की एक टिप्पणी को लेकर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता रहीं शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जवाब दिया है. शर्मिष्ठा ने बीते दिनों सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था.
दरअसल, टीवी चैनल सीएनएन-न्यूज़ 18 को दिए इंटरव्यू में पूर्व राज्यसभा सांसद ग़ुलाम नबी आज़ाद ने दावा किया है कि जब उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया, या दिवंगत प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से नवाज़ा गया तो उस समय कांग्रेस से कोई भी नहीं आया. इसी प्रकार पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के शव को भी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर रखा गया.
पत्रकार पल्लवी घोष ने इंटरव्यू के दौरान ग़ुलाम नबी आज़ाद की कही इस बात को ट्वीट किया.
इस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जवाब दिया, "बीच में बोलने के लिए माफ़ी चाहती हूँ लेकिन बाबा को जब भारत रत्न दिया गया तो ग़ुलाम नबी आज़ाद ख़ुद नहीं आए और न ही बाद में मिलने ही आए. हालाँकि अहमद पटेल, भूपिंदर हुड्डा, शशि थरूर, आनंद शर्मा और जनार्दन द्विवेदी जैसे कुछ वरिष्ठ नेता ज़रूर समारोह में आए थे."
बता दें कि बीते सप्ताह शुक्रवार को ग़ुलाम नबी आज़ाद ने पाँच पन्नों की चिट्ठी में अपनी नाख़ुशी और मायूसी ज़ाहिर करते हुए कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था.
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में राहुल गांधी को अपरिक्व बताते हुए उनपर जमकर निशाना साधा था.
आज़ाद ने सोनिया गांधी को अपने पत्र में नाम मात्र की अध्यक्ष बताया था और कहा था कि "सारे अहम फ़ैसले राहुल गांधी कर रहे हैं, बल्कि उससे भी बदतर तो ये है कि उनके सिक्योरिटी गार्ड और निजी सचिव फ़ैसले कर रहे हैं."