नए वर्ष पर कान्हा की नगरी में लाखों की संख्या में उमड़ेंगे श्रद्धालु
नए वर्ष पर कान्हा की नगरी में लाखों की संख्या में उमड़ेंगे श्रद्धालु
-ब्रज क्षेत्र के मंदिरों उमड़ी भारी भीड़, मंदिरों में की जा रहीं अतिरिक्त व्यवस्थाएं
मथुरा । नए साल का आगाज करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु कान्हा की नगरी में आएंगे, मंदिरों में भीडभाड रहेंगी जिसको देखते हुए मंदिरों में अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही हैं जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुगमता रहे। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की है। नव वर्ष पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि बुजुर्ग, बच्चे और बीमार इस अवसर पर संभव जितना संभव हो भीड भाड से बचें।
श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि बेहतर है कि नव वर्ष के अवसर पर बीमार व्यक्ति, बच्चे और बुजुर्गों को साथ ही न लाएं, जिला प्रशासन भी अपनी ओर से पूरे प्रबंध करने में जुटे हैं, विख्यात श्री द्वारकाधीश मंदिर में 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन हेतु विशेष व्यवस्था मंदिर प्रबंधन द्वारा की गई है, पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर ठा. द्वारिकाधीश के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट के अनुसार मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं क्योंकि शरद कालीन अवकाश में लोग 25 दिसंबर से दिसंबर से पांच जनवरी तक नव वर्ष पर आते हैं और अपने आराध्य के दर्शन करते हैं इसलिए किसी भी श्रद्धालुओं को कोई तकलीफ ना हो इसका विशेष ध्यान मंदिर प्रशासन द्वारा रखा गया है। श्रद्धालुओं के लिए मुख्य द्वार से प्रवेश दिया जाएगा और अन्य दो द्वारों से निकास की व्यवस्था की गई है ।
श्रद्धालु मंदिर द्वारा निर्धारित जूता घर और सामान घर पर ही अपने जूता चप्पल एवं क़ीमती सामान रखें और यह व्यवस्था मंदिर के दोनों गेटो पर की गई है एक मुख्य द्वार पर और दूसरा बजरिया की तरफ बने गेट पर भी जुता घर चालू है। श्रद्धालु जिनकी उम्र अधिक है और बुजुर्ग है वह कृपया भीड़ भाड़ में आने से बचे व बच्चे जो पांच साल से कम उम्र के हैं उनको कृपया साथ ना लाएं। गर्भवती महिला भी भीड़ भाड़ में आने से बच्चे मंदिर द्वारा निर्धारित पुरुष और महिला के लिए अलग अलग व्यवस्थाएं की गई है। प्राचनी मंदिरों के अलावा वृंदावन स्थित नए मंदिर भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बन रहे हैं। इस्कॉन, प्रेम मंदिर, प्रियाकांत जू आदि मंदिरों पर भी ऐसे अवसरों में खूब भीड उमड़ती है।