शुद्धताः द्वारकाधीश मंदिर में लगी बाहरी प्रसाद पर रोक
शुद्धताः द्वारकाधीश मंदिर में लगी बाहरी प्रसाद पर रोक
-मन्दिर से बाहर के फूल माला व प्रसाद चढ़ना किया पूर्णतः प्रतिबंधित
मथुरा । पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि तृतीय पीठाधीश्वर कांकरोली नरेश एवं मंदिर के गोस्वामी डॉ. वागिश कुमार महाराज की आज्ञा अनुसार मंदिर में किसी भी प्रकार की वस्तु जैसे कि प्रसाद, फूल माला इत्यादि का लेकर आना पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। क्योंकि पुष्टिमार्ग संप्रदाय एक ऐसा संप्रदाय है जिसमें ठाकुर जी को बाहर की किसी वस्तु का भोग नहीं धराया जाता है।
श्री तिवारी ने बताया कि पुष्टिमार्ग संप्रदाय में ठाकुर जी को जो भोग लगता है। वह बगैर सिले हुए वस्त्र पहन के अपरस में भोग बनाते हैं और अंदर ही अंदर उस प्रसाद को ठाकुर जी को धराया जाता है। मान्यता यह है कि कोई भी वस्तु जो पब्लिक की नजरों के सामने से जाती है तो पब्लिक की नजर पड़ने पर अगर पब्लिक को यह महसूस होता है यह प्रसाद बहुत अच्छा है तो ठाकुर जी फिर उसका भोग नहीं लगाते हैं। यह परंपरा काफी पुरानी है, लेकिन एक प्रचलन ऐसा हो गया कि लोग आते हैं बाहर से कोई प्रसाद लेकर आ गया कोई फूल माला लेकर आया लेकिन जहां तक फूल माला का प्रश्न है फूल माला भी हमारे यहां फूल घर बना हुआ है। उस फूल घर में फूल बगीचे से आते हैं वह उन फूलों को पूर्ण रूप से शुद्धता करने के बाद माला बनती है और वह माला और फूल ठाकुर जी को धारण कराये जाते हैं।
श्रद्धालु जो भावना से लाते थे लेकिन उनको ठाकुर जी पर कभी चढ़ाया नहीं जाता था अर्थात उनके लाने का कोई अर्थ नहीं था लेकिन काफी समय से यह सब चल रहा था और इसमें प्रशासन का बार बार यह कह ना था कि जब आपके यहां यह प्रसाद या फूल माला नहीं चढ़ाया जाता है तो आप इसे बोर्ड लगवा दीजिए तो इस प्रशासन के सहयोग से प्रशासन के कहने पर इस प्रकार की व्यवस्था की गई है। उन्होंने सभी फूल माला विक्रेताओं से जो प्रसाद लेकर आते हैं उनसे विनम्र निवेदन है कि वह इस प्रकार से इस प्रसाद एवं फूलमाला की बिक्री को हम बंद कर दें जिससे की जनता को आने में तकलीफ ना हो।