बिजली कर्मी करेंगे एक सप्ताह काली पट्टी बांधकर काम 

बिजली कर्मी करेंगे एक सप्ताह काली पट्टी बांधकर काम 
-निजीकरण के विरोध में कर्मचारी हुए लामबंद, दे रहे हैं तमाम दलीलें
     मथुरा । विद्युत विभाग के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में लामबंद हो रहे हैं, आंदोलित कर्मचारियों का कहना है कि उनके हितों पर कुठाराघात हो रहा है, कर्मचारियों ने आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। कैंट बिजली घर पर हुई कर्मचारियों सभा में निर्णय लिया गया कि 23 जनवरी को बिजली के निजीकरण हेतु कंसलटेंट की नियुक्ति के लिए प्री वेडिंग कांफ्रेंस के दिन भोजन अवकाश के दौरान शत प्रतिशत कर्मचारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे ।
     संघर्ष समिति के आह्वान पर अगले सप्ताह भर बिजली कर्मी काली पट्टी बांधकर पूरे दिन कार्य करेंगे और विरोध सभाएं करेंगे, आक्रोश को लेकर संघर्ष समिति मथुरा के पदाधिकारी इं राहुल चौरसिया, इं सचिन द्विवेदी, इं मानवेंद्र, इं शुभम अग्रवाल,इं सत्येंद्र, नरेंद्र, कृष्ण वीर, रामकुमार, बलराम, पंकज शर्मा, अशोक शर्मा, गुड्डू, राजवीर, शेखर आदि ने कहा कि नियामक आयोग के अध्यक्ष द्वारा भविष्य की लाइसेंसी के रूप में निजी कंपनियों का उल्लेख करना पूर्णतया अनावश्यक और अवांछनीय है। निजीकरण हुए बिना निजी कंपनी को भविष्य की लाइसेंसी लिखना एक भड़काने वाला कदम है और जिसका सभी पुरजोर विरोध करते है। जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं उसे देखते हुए कई चरणों में अंदोलन किया जाएगा। 
   विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष ने बिजली के निजीकरण पर दिए गए बयान को अवांछनीय और भड़काने वाला बताते हुए कहा है कि विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का अध्यक्ष रहते हुए बिजली कर्मचारियों के साथ लिखित समझौता किया है कि बिजली का निजीकरण नहीं किया जाएगा और विद्युत वितरण के मौजूदा ढांचे में ही बिजली व्यवस्था में सुधार का कार्य किया जाएगा, अब उनके द्वारा निजीकरण के संबंध में की गई टिप्पणी पूरी तरह से अनुपयुक्त है और इससे बिजली कर्मचारियों में भारी गुस्सा व्याप्त हो गया है। उनके ब्यान को लेकर पूरे प्रदेश में बिजली कर्मचारियों में रोष फैल गया है। प्रदेश के समस्त जनपदों एवं परियोजना मुख्यालयों पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की आमसभा हुई।

 

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