
हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र, चुरमुरा में किये जा रहे हैं अतिरिक्त प्रयास
हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र, चुरमुरा में किये जा रहे हैं अतिरिक्त प्रयास
मथुरा । इस समय जबरदस्त गर्मी पड़ रही है, इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान हैं, गर्मियों से गजराज को निजात दिलाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस के फरह स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में स्विमिंग पूल बने हुए हैं। हाथियों के लिए खास जंबो हाइड्रोथेरेपी पूल भी बने हैं। हाथियों के बाड़ों को ठंडा रखने के लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। यही नहीं, उनकी डाइट भी ऐसी कर दी गई है, जिससे उनके शरीर में पानी की कमी न आए।
हाथी संरक्षण केंद्र एवं देखभाल केंद्र में वर्तमान में 32 हाथी हैं, जिसमें से 20 मादा हैं। 12 नर है। यहां हाथियों के बाड़ों को ठंडा रखने के लिए पानी का छिड़काव होता रहे, इसके लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। संरक्षण केंद्र में हाथियों के लिए भारत का पहला जंबो हाइड्रोथेरेपी पूल भी है। इस पूल में हाथियों के पैरों को राहत मिलती है। हाथियों को सबसे ज्यादा दिक्कत पैरों से होती है। हाथी में ज्यादा वजन के कारण दर्द रहता है। इस पूल में हाइड्रोथेरेपी से मांसपेशियों के दर्द से राहत देने के साथ साथ मांसपेशियों को प्राकृतिक तरीके से पुनर्निर्माण में मदद करता है। हाइड्रोथेरेपी पूल 11 फुट गहरा है और इसमें 21 हाई प्रेशर वाले जेट स्प्रे लगे हैं। जो पानी को प्रेशर से फेकते हैं, जिससे हाथियों के पैरों और शरीर की मालिश हो सके और रक्त संचार को बढ़ाने में मदद मिल सके।
स्विमिंग पूल 400 वर्गमीटर चौड़ा और फुट गहरा है। सुबह हाथी केंद्र से बाहर निकल 12 किलोमीटर घूमने जाते है उसके बाद वापिस आने भोजन करते लेकिन गर्म ज्यादा होने के कारण हाथी पूल में रहकर अपने पानी का छिड़काव करते है और अपने ऊपर मिट्टी भी डाल लेते है पानी के बाद मिट्टी डालने से हाथी को गर्मी से राहत मिलती है केंद्र में तैनात हाथियो के महावत हाथियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए उपयुक्त आहार दिया जा रहा है। जिसमें तरबूज, खरबूज, खीरे, मौसमी जैसे फल और सब्ज़ी शामिल हैं।उनकी डाइट में गन्ना भी शामिल किया जाता है। ऐसे खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं, जिससे उनके शरीर में पानी की कमी न हो। हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए ग्लूकोज का पानी, इलेक्ट्रोलाइट साल्यूशन और हर्बल दवाएं भी दी जाती हैं। एक हाथी एक दिन में 200 से 250 किलो खाना खाता है।