
टीलों पर बसी है पुरानी मथुरा नगरी, टीले हैं बेहद संवेदनशील
टीलों पर बसी है पुरानी मथुरा नगरी, टीले हैं बेहद संवेदनशील
-छोटी से हलचल से हो सकता है बड़ा हादसा, जेसीबी चलने से ही गिरे मकान
मथुरा । प्राचीन सप्तपुरियों में एक पुरानी मथुरा वर्तमान में टीलों पर बसा शहर है। इन टीलों पर बडी और सघन आबादी निवास कर रही है। यह टीले शहर के प्राचीन हिस्से और प्राचीन रिहायश है, चौबिया पाड़ा से लेकर दूसरे तमाम टीले बेहद संवेदनशील है। यहां मकान फटने और दरार आने की शिकायत लोग करते रहते हैं, इन टीलों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ का परिणाम कितना भयावह हो सकता है, इसे चौबिया पाडा में डाली गई पानी की अंडरग्राउंड पाइप लाइन और बिजली की केबल डालने के लिए खोदी गई गलियों के बाद सामने आ रहे देखा जा सकता है ।
टीले संवेदनशील रिहायशी क्षेत्र हैं, इन्हें लेकर बेहद सतर्क रणनीति की आवश्यकता है। ये टीले सामान्य रिहायश नहीं हैं। महानगर के कच्ची सड़क क्षेत्र स्थित टीला काटकर जमीन समतलीकरण के दौरान हुए हादसे के बाद जन चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय जनता में चर्चा थी कि उक्त स्थान को माया टीला के नाम से जाना जाता है, जब यह टीला था तो सरकार द्वारा संरक्षित टीले की खरीद फरोख्त बगैर पुरातत्व विभाग की अनुमति के कैसे हो रही थी।
नियमों के तहत संरक्षित स्थान पर किसी भी सूरत में निर्माण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उक्त जगह सिद्ध बाबा मंदिर की है जिसे कोई बेच नहीं सकता है। बहुत लोग इस स्थान को अंबरीश टीला भी बोलते है। चर्चा यह भी है कि इस टीले की जगह को बेच दिया है। इस टीले की खरीद में कई नामचीन लोग पार्टनर है जिनका खुलासा जांच के दौरान हो पायेगा। सूत्रों का कहना है इस जमीन की खरीद कई रजिस्ट्री के माध्यम से हुई है। चर्चाओं में इस जमीन की कीमत एक लाख रु गज बताई जाती है।