
भाजपा ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय
भाजपा ने आपातकाल को बताया लोकतंत्र का काला अध्याय
-आपातकाल था संविधान और लोकतंत्र के मूल मूल्यों पर कुठाराघात
मथुरा । भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे गंभीर संकट के प्रतीक आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता पार्टी की जिला एवं महानगर इकाइयों द्वारा एक संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन बीएसए इंजीनियरिंग कॉलेज, मथुरा में किया गया, राज्यसभा सांसद दर्शाना सिंह ने कहा 25 जून 1975 को लगाया गया आपातकाल स्वतंत्र भारत के संविधान और लोकतंत्र के मूल मूल्यों पर कुठाराघात था। करोड़ों लोगों की आवाज़ को कुचलने का प्रयास किया गया, लाखों लोगों को जेलों में ठूंसा गया और प्रेस की स्वतंत्रता को पूरी तरह खत्म कर दिया गया।
वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि इंदिरा गांधी सरकार द्वारा थोपी गई तानाशाही को जनता ने 1977 में पूरी तरह से नकार दिया। वह समय केवल एक राजनीतिक असहमति नहीं थी, बल्कि भारत के आत्मसम्मान, संविधान और आमजन की आवाज़ को कुचलने का प्रयास था। आज हम संकल्प लेते हैं कि किसी भी कीमत पर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करेंगे, विधायक श्रीकांत शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा प्रारंभ से ही लोकतंत्र के मूल्यों पर आधारित रही है। जब पूरा देश भय के साये में जी रहा था, उस समय अटल जी, अडवाणी जी, नानाजी देशमुख जैसे नेताओं ने लोकतंत्र की रक्षा हेतु संघर्ष किया।
आभार व्यक्त करते हुए भाजपा महानगर अध्यक्ष राजू यादव ने कहा कि गांव, गरीब, किसान, मजदूर, हर वर्ग को उस समय दमन का सामना करना पड़ा था। उस तानाशाही के खिलाफ जनता की चुप बगावत ने ही लोकतंत्र को दोबारा जीवित किया, विधायक मेघश्याम सिंह, विधायक पूरन प्रकाश, विधान परिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह, विजय बहादुर, पदम सिंह, चन्दन सिंह, रोशन लाल अग्रवाल, देवेन्द्र शर्मा, ओमप्रकाश बंसल, प्रणतपाल, निरंजन सिंह धनगर, विनोद टैंटीवाल आदि ने मंच साझा किया ।