
महंत अच्युतानंद दास महाराज थे ज्ञान भक्ति व प्रेम के प्रतीक
महंत अच्युतानंद दास महाराज थे ज्ञान भक्ति व प्रेम के प्रतीक
-परम गुरु महंत अच्युतानंद दास महाराज का 19 वा वार्षिक तिरोभाव महोत्सव सम्पन्न
मथुरा। वृन्दावन के पत्थरपुरा स्थित ठा0 गोपाल जी मंदिर में महंत सच्चिदानंद दास महाराज के परम गुरु महंत अच्युतानंद दास महाराज का 19 वा वार्षिक तिरोभाव महोत्सव संत और विद्वानों, भागवताचार्य की उपस्थिति में मनाया गया। सर्वप्रथम महाराज श्री के चित्रपट का पूजन अर्चन वेद मंत्रों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ संत विद्वत सम्मेलन का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय चतु संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा कि महाराज श्री भागवत के परम विद्वान थे। पीपा द्वाराचार्य जगद्गुरू बलराम दास बाबा ने कहा कि संत सदैव परोपकारी होते है। निस्वार्थ भावना से सभी का कल्याण करते है। उमा पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानन्द महाराज ने कहा कि महाराज श्री का त्याग, वैराग्य और ज्ञान सभी को प्रभावित करने वाला है। महामंडलेश्वर स्वामी चित प्रकाशानंद एवं महामंडलेश्वर नवलगिरी महाराज ने कहा कि भगवान और संतों के स्मरण मात्र से मानव के सभी पाप नष्ट हो जाते है।
संगोष्ठी में महामंडलेश्वर स्वामी सत्यानंद सरस्वती महाराज, स्वामी उमेश्वरानंद महाराज, महंत रामदेव चतुर्वेदी, आचार्य गोपाल भैया, महंत राम स्वरूप दास ब्रह्मचारी, महंत सुंदर दास महाराज, महंत रामदास रामायणी, घमंड देवाचार्य महंत वेणु गोपाल दास महाराज, पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ, चंद्र प्रकाश शर्मा, मधुमंगल शुक्ला, गोपाल चतुर्वेदी आदि ने भी महाराज श्री व्यक्तित्व पर विचार व्यक्त कर महाराज श्री को श्रद्धांजलि अर्पित की। आश्रम के महंत सच्चिदानंद शास्त्री ने सभी आगंतुक संत महंतों का माला और पटका पहनाकर स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी का संचालन पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने किया।