
राधा का प्राकट्य प्रेम, करुणा और भक्ति का संदेश-मोहिनी दासी
राधा का प्राकट्य प्रेम, करुणा और भक्ति का संदेश-मोहिनी दासी
-श्री हरि व्यास निकुंज मंदिर परिक्रमा मार्ग में शुरू हुआ आयोजन
मथुरा। श्री हरि व्यास निकुंज मंदिर परिक्रमा मार्ग वृंदावन में दो दिवसीय राधाष्टमी महोत्सव शुरू हो गया, प्रथम दिन परम संत रामकृपाल दास महाराज चित्रकूट वालों ने भक्तों से कहा कि श्री राधा जी केवल श्रीकृष्ण की प्रिया ही नहीं, बल्कि भक्ति की स्वरूपिणी, प्रेम की पराकाष्ठा और करुणा की मूर्ति हैं, राधारानी का जन्माभिषेक व अन्य अनुष्ठान रविवार को होने हैं ।
कथावाचक सुश्री मोहिनी कृष्णदासी ने अपने संदेश में कहा कि बरसाना में प्रकट होने वाली राधा रानी की खुशी में समूचा ब्रज अपार उल्लास और भक्ति में डूबा हुआ है। राधाष्टमी को हर कोई श्रद्धा और आस्था के साथ मना रहा है। श्री राधा जी केवल श्रीकृष्ण की प्रिया ही नहीं, बल्कि भक्ति की स्वरूपिणी, प्रेम की पराकाष्ठा और करुणा की मूर्ति हैं। जिस प्रकार जल बिना कमल नहीं खिल सकता, उसी प्रकार राधा बिना कृष्ण की लीला पूर्ण नहीं होती। राधा और कृष्ण दो नहीं, एक ही दिव्य सत्ता के दो रूप हैं प्रेम और प्रियतम। राधा जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि भक्ति केवल पूजा पाठ नहीं, बल्कि मन, वचन और कर्म से पूर्ण समर्पण है।