
ई रिक्शा : सड़क पर दौड़ रहे ओवरलोडेड ई रिक्शा बने लाइलाज बीमारी
ई रिक्शा : सड़क पर दौड़ रहे ओवरलोडेड ई रिक्शा बने लाइलाज बीमारी
मथुरा । तिपहिया वाहनों में ई रिक्शा सबसे कमजोर वाहन माना जाता है, ई रिक्शा चलते चलते अचानक कई बार खुद ही पलट जाते हैं, तेज गति में रिक्शा को चालते समय संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है, ई रिक्शा को मथुरा वृंदावन की सड़कों पर नियंत्रित करने के तमाम प्रयास अभी तक विफल रहे हैं। शहर से देहात तक बेहिसाब ई रिक्शा दौड़ रहे हैं, इन्हें चलाने वाले अधिकांश चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं और ड्राइविंग लाइसेंस भी सभी के पास नहीं होते हैं, यहां तक नाबालिग बच्चे भी सड़कों पर ई रिक्शा दौड़ते हुए कहीं भी दिख जाएंगे ।
शहर में यह जाम की सबसे बडी वजह बन रहे हैं, सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे ओवरलोडेड ई रिक्शा यात्रियों की जान के लिए खतरा बनते जा रहे हैं, ई रिक्शा में ना केवल अंदर बल्कि छत पर भी सवारियों को बिठ लेते हैं और भारी सामान को उपर रख लेते हैं जबकि ई रिक्शा की छत बेहद नाजुक होती है, ई रिक्शा में निर्धारित क्षमता से कम से कम दो गुने लोगों को बैठाते हैं, सवारियों को ई रिक्शा की छत पर बैठ कर सफर करते हुए देखा जा सकता है, यह बेहद खतरनाक है, एक ई रिक्शा में देखा जा सकता है कि बिना किसी सपोर्ट के छत पर रखा भारी सूटकेस और स्पेयर टायर किसी भी समय गिरकर बड़ा हादसा करा सकता है, यातायात पुलिस की उदासीनता के कारण चालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, रोज़ाना ऐसे ओवरलोड ई रिक्शा बिना रोक टोक चलते हैं जिससे सड़क हादसे का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
लोगों का मानना है कि क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाना ना केवल अवैध है बल्कि बेहद खतरनाक भी है, अचानक ब्रेक लगने या वाहन के असंतुलित होने पर गंभीर दुर्घटना होती रहती हैं, ऐसे वाहनों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए, पानी गांव रोड पर तेज रफ्तार ऑटो दूसरे वाहन को बचाने के चक्कर में पलट गया, वहीं पीछे से आ रहे कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश धनगर ने अपनी गाडी को रोका और साथियों की मदद से सवारियों को निकाला और घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, वृंदावन थाना प्रभारी ने बताया कि सभी घायलों के परिजनों को जानकारी दे दी गई है, हादसे में आधा दर्जन सवारी घायल हुई हैं।