
एक किलोवाट के मीटर पर फूंक रहे अंधाधुंध बिजली, हुई कार्यवाही
एक किलोवाट के मीटर पर फूंक रहे अंधाधुंध बिजली, हुई कार्यवाही
-जिले के छाता, कोसी क्षेत्र में बहुतायत में स्वीकृत हैं एक किलोवाट विद्युत संयोजन
मथुरा । विद्युत विभाग के प्रवर्तन दल ने दो दिन में तीन क्षेत्रों में नौ स्थानों पर कार्यवाही करते हुए 50 किलोवाट से अधिक की बिजली चोरी पकडी है जिनमें से एक परिसर में बिना कनेक्शन के बिजली चल रही थी, बाकी के परिसरों में कनेेक्शन होने की आड में बिजली चोरी की जा रही थी, विगत दिनों 10 नवम्बर को कोसीकला क्षेत्र में प्रवर्तन दल की टीम ने चार गांवों में पांच परिसरों में बिजली चोरी पकडी, इन परिसरों मे करीब 40 किलोवाट की बिजली चोरी हो रही थी।
चार किलोवाट से लेकर नौ किलोवाट भार पर बिजली चोरी हो रही थी जबकि इन सभी परिसरों में एक किलोवाट का ही बिजली कनेक्शन स्वीकृत था, जनपदभर में सभी क्षेत्रों में विद्युत विभाग एक किलोवाट के विद्युत संयोजनों को दो या इससे अधिक किलोवाट भार में तब्दील कर चुका है, इक्का दुक्का कनेक्शन ही एक किलोवाट के मिलते हैं जबकि कोसीकला क्षेत्र में हुईं सभी कार्यवाही में एक किलोवाट का संयोजन ही स्वीकृत था जिससे जाहिर है कि विद्युत विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब हो रहा था ।
गांव हरिपुरा में एक किलोवाट के संयोजन पर 8950 वाट भार चोरी की बिजली से चलता मिला, बरहना में छह किलोवाट से अधिक भार चल रहा था, तुमौला में 4922 किलोवाट का भार चल रहा था, छाता में दो स्थानों पर प्रवर्तन दल ने कार्यवाही की, छाता के हरिनाथिया थोक में एक परिसर में चार किलोवाट से अधिक की बिजली चोरी पकडी, इस परिसर में एक किलोवाट का संयोजन स्वीकृत था, नगला बिरजा में बिना संयोजन के ही पांच किलोवाट से अधिक भार की बिजली चोरी होते हुए पकडी ।
विगत दिनों 10 नवम्बर को सुरीर क्षेत्र के गांव कराहरी में दो स्थानों पर प्रवर्तन दल की टीम ने कार्यवाही की थी, यहां एक परिसर में दो किलोवाट के समायोजन पर करीब छह किलोवाट भार तथा दूसरे परिसर में एक किलोवाट के संयोजन पर चार किलोवाट की बिजली चोरी पकडी, 10 नवम्बर को ही कोसीकला क्षेत्र में प्रवर्तन दल की टीम ने गांव जाब, हरिपुरा, तुमौला एक एक स्थान पर तथा गांव बरहना में दो स्थानों पर बिजली चोरी पकडी, पाचों परिसरों में एक एक किलोवाट के मीटर लगे हुए थे जबकि चार से नौ किलोवाट भार तक की बिजली चोरी पकडी गई, सभी परिसरों में विद्युत लाइन से सीधे केबिल डाल कर या मीटर से पहले इनकमिंग केबिल में कट लगाकर बिजली चोरी की जा रही थी ।