
इकाना स्टेडियम पर मल्टीलेवल पार्किंग की कमी से उत्पन्न ट्रैफिक जाम
इकाना स्टेडियम पर मल्टीलेवल पार्किंग की कमी से उत्पन्न ट्रैफिक जाम
लखनऊ के इकाना स्टेडियम पर ट्रैफिक जाम से निजात को आवश्यक है जनहित याचिका
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, जो अपनी सुसंस्कृत छवि और योजनाबद्ध विकास के लिए जानी जाती है, आज एक गंभीर समस्या से जूझ रही है वो है इकाना स्टेडियम क्षेत्र में लगातार बढ़ता ट्रैफिक जाम, हर बार जब स्टेडियम में कोई मैच, आयोजन या कार्यक्रम होता है तो शहीद पथ, सुलतानपुर रोड, गोमती नगर विस्तार और आसपास की कॉलोनियों में लंबी-लंबी वाहन कतारें लग जाती हैं, इस जाम का मुख्य कारण सिर्फ भीड़ नहीं, बल्कि मल्टी-लेवल पार्किंग की अनुपलब्धता है ।
स्टेडियम परिसर में पर्याप्त पार्किंग नही होने के कारण दर्शक अपनी गाड़ियाँ मुख्य सड़कों, फुटपाथों और सर्विस लेनों तक में खड़ी कर देते हैं, परिणामस्वरूप पूरा इलाका ठप हो जाता है जिससे आम नागरिकों, एम्बुलेंसों और स्कूल वाहनों तक को भारी दिक्कत झेलनी पड़ती है।
@समस्या का मूल कारण
1. पर्याप्त पार्किंग की कमी – स्टेडियम में 50,000 से अधिक दर्शकों की क्षमता है लेकिन पार्किंग व्यवस्था मुश्किल से कुछ हजार वाहनों तक सीमित है ।
2. वैकल्पिक पार्किंग स्थल नहीं – किसी भी बड़े आयोजन से पहले अस्थायी पार्किंग या शटल सेवा की कोई ठोस योजना नहीं बनती ।
3. ट्रैफिक पुलिस की सीमित व्यवस्था – भीड़ प्रबंधन के दौरान समुचित ट्रैफिक डाइवर्जन नही होने से पूरे शहीद पथ पर वाहनों का जाम लग जाता है।
@जनहित याचिका (PIL) की आवश्यकता
अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह केवल ट्रैफिक समस्या नहीं, बल्कि जनहित और नागरिक अधिकारों से जुड़ा विषय है। इसलिए इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर किया जाना नितांत आवश्यक है।
@इस जनहित याचिका में निम्न माँगें की जा सकती हैं —
1. इकाना स्टेडियम परिसर में अनिवार्य रूप से मल्टी-लेवल पार्किंग का निर्माण कराया जाए ।
2. जब तक यह निर्माण नहीं होता, तब तक अस्थायी पार्किंग और शटल सेवाओं की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए ।
3. बड़े आयोजनों के दौरान पूर्व-अनुमति के साथ ट्रैफिक और पार्किंग योजना सार्वजनिक की जाए ।
4. स्टेडियम के आस-पास गैरकानूनी पार्किंग पर सख्त कार्यवाही हो।
5. राज्य सरकार और विकास प्राधिकरण (LDA) को स्थायी समाधान हेतु समयबद्ध निर्देश दिए जाएं।
@जनता की पीड़ा
हर आयोजन के दिन स्थानीय निवासी घंटों तक घरों में कैद हो जाते हैं। ऑफिस जाने वाले लोग जाम में फँसकर देर तक परेशान रहते हैं। स्कूल बसें और इमरजेंसी सेवाएं ठप हो जाती हैं, लोगों का कहना है “खेल भावना का सम्मान है, पर जनता की यातायात स्वतंत्रता पर सवालिया निशान है”
@निष्कर्ष
इकाना स्टेडियम निश्चित रूप से लखनऊ का गौरव है लेकिन जब उसका संचालन नागरिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर दे, तो यह विकास नहीं, अव्यवस्था कहलाएगी,
जनहित की दृष्टि से अब आवश्यक है कि कोई जिम्मेदार नागरिक, अधिवक्ता या संस्था इस विषय में जनहित याचिका (PIL) दायर करे, ताकि अदालत सरकार को मल्टी-लेवल पार्किंग निर्माण और ट्रैफिक प्रबंधन के ठोस निर्देश दे सके ।
“जनता की सुविधा सर्वोपरि है — विकास वहीं सार्थक है, जहाँ नागरिकों को राहत मिले, ना कि संकट।”
साभार : शिखर अधिवक्ता उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ