
भगवान प्रेम के भूखे, विदुरानी के प्रेम से हुए भावविभोर
भगवान प्रेम के भूखे, विदुरानी के प्रेम से हुए भावविभोर
मथुरा। गयालाल स्मृति भवन, थाना रोड स्थित कथा पंडाल में चल रही श्री कृष्ण गौशाला सहायतार्थ श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे कथा व्यास गौवत्स राधाकृष्ण महाराज ने ध्रुव चरित्र और विदुर चरित्र के प्रेरक प्रसंगों का वर्णन किया, उन्होंने कहा कि यदि ध्रुव ने मात्र पांच वर्ष की आयु में दृढ़ निष्ठा और अटूट भक्ति से भगवान को पा लिया तो हम सब भी सच्चे मन से भक्ति करें तो भगवान अवश्य मिलते हैं।
विदुर चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण विदुरजी की कुटिया में पहुंचे और प्रेमवश केलों के छिलकों का भोग स्वीकार किया, जबकि उससे पहले उन्होंने दुर्याेधन के राजमहल में छप्पन भोग का त्याग कर दिया था। भगवान तो प्रेम के भूखे होते हैं, और विदुर विदुरानी के स्नेह से अभिभूत होकर उन्होंने सच्चे प्रेम का सम्मान किया। कथा के दौरान सृष्टि वर्णन प्रसंग का भी विस्तार से वर्णन किया गया, कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही और पूरा वातावरण हरे कृष्ण हरे राम के संकीर्तन से गुंजायमान हो उठा। इस दौरान मुख्य यजमान प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष कमल किशोर वार्ष्णेय, धर्मवीर शर्मा, विनोद जैन, सुनील आदि उपस्थित रहे।