
सावधान : साइट्रिक एसिड, पाम आयल, चूना पत्थर से बन रहा है पनीर
सावधान : साइट्रिक एसिड, पाम आयल, चूना पत्थर से बन रहा है पनीर
-प्रतिदिन खप रहा हजारों किलो पनीर, एक लाख 40 हजार का नष्ट कराया पनीर
मथुरा। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश लखनऊ एवं जिलाधिकारी मथुरा के आदेश के अनुपालन में आगामी दीपावली पर्व के दृष्टिगत सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय धीरेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम द्वारा अभियान चला कर कुल 10 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए, स्थानीय पुलिस बल के साथ गांव हाथिया पर संचालित डेयरी पर छापा डाला गया, कार्यवाही के दौरान उक्त प्रतिष्ठान में स्किम्ड मिल्क पाउडर, रिफाइंड पामोलीन ऑयल, चूना एवं साइट्रिक एसिड का प्रयोग कर पनीर का निर्माण करते हुए पाया गया ।
गांव हाथिया स्थित प्रतिष्ठान से पनीर के दो, रिफाइंड पामोलीन ऑयल का एक नमूना, सफेद घोल का एक नमूना एवं साइट्रिक एसिड का एक नमूना संग्रहित किया गया तथा लगभग 1,40,000 रुपये का 400 किलोग्राम पनीर एवं पनीर निर्माण में प्रयुक्त किये जा रहे अपमिश्रक 11200 रुपये मूल्य का 60 लीटर रिफाइंड पामोलीन ऑयल, 2000 रुपये का 20 किलोग्राम चूना घोल, 3000 रुपये का 30 लीटर साइट्रिक एसिड को मौके पर जब्त कर खाद्य कारोबार कर्ता की अभिरक्षा में सौंपा गया तथा संबंधित खाद्य कारोबार कर्ता के विरूद्ध थाना बरसाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।
वहीं ओल से खोआ का एक नमूना, एटीवी के पास स्थित ऑयल मिल से सरसों के तेल के तीन एवं मिल्क केक का एक नमूना संग्रहित किया गया। खाद्य सचल दल में राम नरेश, जितेंद्र सिंह, दलवीर सिंह, अरुण कुमार, मोहर सिंह कुशवाह, भरत सिंह एवं धर्मेन्द्र सिंह खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल रहे। समस्त डेयरी संचालकों विनिर्माताओं को निर्देशित किया जाता है कि डेयरी उत्पादों के निर्माण में शुद्ध व गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थों का प्रयोग कर स्वच्छ तथा स्वास्थ्यकर दशाओं में ही खाद्य पदार्थ का निर्माण करें।
सहायक आयुक्त खाद्य धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि यदि कोई भी डेयरी उत्पाद खोआ, पनीर, घी आदि का विनिर्माता रिफाइंड ऑयल या अन्य किसी अपमिश्रक का प्रयोग करते हुए पाया गया तो उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर सुसंगत धाराओं में कठोर कार्यवाही की जायेगी, साइट्रिक एसिड के विपरीत प्रभाव में पेट में ऐंठन, मतली, दस्त और त्वचा में जलन, सूजन या खुजली शामिल हो सकती है, इसके अत्यधिक सेवन से दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंच सकता है जिससे दांतों में संवेदनशीलता और कैविटी का खतरा बढ़ जाता है, अगर यह आंखों के संपर्क में आता है तो इससे जलन और दर्द हो सकता है।