कृष्ण चरित मानस गीता स्कन्ध पुस्तक का किया गया लोकार्पण
कृष्ण चरित मानस गीता स्कन्ध पुस्तक का किया गया लोकार्पण
-गीता के संस्कृत श्लोकों का भाव समझना होगा अब आसान
मथुरा । आनंदमय कृष्ण भक्ति ग्रुप (मुस्कान) के संस्थापक व मनीषी डा0 शशिकांत तिवारी द्वारा रचित कृष्ण चरित मानस गीता स्कन्ध पुस्तक का लोकार्पण किया गया, गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी, वृंदावन में उ0 प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ0 उमेशचंद्र शर्मा, लेखक डा0 शशिकांत तिवारी, मुस्कान संस्था वृंदावन के अध्यक्ष आत्मबोधानंद, सी0के0 अरोड़ा, अवकाश प्राप्त जिला विद्यालय निरीक्षक एसपी गोस्वामी, शोध समन्वयक डा0 रश्मि वर्मा, दीपक शर्मा ने संयुक्त रूप से पुस्तक का लोकार्पण किया ।
वक्ताओं ने बताया कि गीता के संस्कृत भाषा में जो 700 श्लोक हैं, वह आम आदमी के लिए काफी क्लिष्ट हैं लेकिन हर कोई उनका अर्थ समझना चाहता है, गीता को सामान्य रूप से दोहा व चौपाइयों में लिखकर कृष्ण चरित मानस गीता स्कन्ध पुस्तक में समेटा गया है, पुराणों में कहा गया है कि महाभारत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के मुख से जो शब्द निकले, उन गीता रूपी गंगाजल को पी लेने पर पुनः इस संसार में जन्म नहीं लेना पड़ता, गीता का यही भाव व अर्थ जनसामान्य तक पहुंचाने के ध्येय से कृष्ण चरित मानस गीता स्कन्ध नामक पुस्तक की रचना की है ।
अवकाश प्राप्त जिला विद्यालय निरीक्षक एस0 पी0 गोस्वामी ने कहा कि योगी सरकार लगातार ऐसे अभूतपूर्व कदम उठा रही है जिससे हमारी संस्कृति बचे, ब्रज की संस्कृति को बचाने के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन हुआ, परिषद के अधीन वृंदावन में गीता शोध संस्थान ब्रज की विधाओं के संरक्षण व संवर्धन का शानदार कार्य हो रहा है, पटुका पहनाकर अतिथियों का सम्मान समन्वयक चन्द्र प्रताप सिंह सिकरवार ने किया, ब्रज की संस्कृति को बचाने में जुटे डा0 उमेशचंद्र शर्मा को लोई उड़ाकर सम्मानित किया गया, अंत में शोध समन्वयक डा0 रश्मि वर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया ।