धार्मिक नगरी वृंदावन में ट्रैफिक प्लान ध्वस्त, हर तरफ जाम का झाम
धार्मिक नगरी वृंदावन में ट्रैफिक प्लान ध्वस्त, हर तरफ जाम का झाम
-यातायात व्यवस्था पर अधिकारियों के ध्यान नही देने का लगाया आरोप
-जाम की समस्या को लेकर नगरवासी कर चुके हैं विरोध प्रदर्शन, नहीं हुआ कोई उपाय
मथुरा । मंदिरों की नगरी श्रीधाम वृंदावन में जाम की समस्या का शायद किसी के पास निदान ही नहीं है, प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने जाम की समस्या को लेकर कई प्लान तैयार किये और उनको लागू भी किया लेकिन राहत किसी भी प्लान से नहीं मिल सकी है, वृंदावन की सड़कों पर वाहनों की कतार किसी अति व्यस्त शहर का आभास कराती रहती हैं, लोगों के मुंह से सुनाई देने लगता है कि यहां कोई ट्रैफिक सिस्टम नहीं हैं ।
शनिवार, रविवार, अमावस्या और पूर्णिमा या किसी विशेष पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों से जाम की स्थिति बनती है, जिला संयुक्त चिकित्सालय के पास तिराहा अक्सर जाम की चपेट में रहता है, यहां पुलिस का प्लान ही जाम की समस्या का कारण है, यमुना एक्सप्रेस वे की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियों को मंडी परिसर या दारुक पार्किंग में खड़ी न कराकर सीधे भेज देते हैं, यहां गाड़ियां वात्सल्य ग्राम के पास कट से जुड़कर इस तिराहे पर आ जाती हैं, इन गाड़ियों के कारण तिराहे पर जाम लग जाता है, पुलिस ने इन गाड़ियों को फिर मंडी परिसर और दारुक पार्किंग में पार्किंग के लिए भेजती है, यदि पहले से उन गाड़ियों को मंडी पार्किंग स्थल और दारुक पार्किंग स्थल पर रोक लिया जाए तो काफी हद तक जाम की समस्या से निजात मिल सकती है ।
छटीकरा से आने वाली गाड़ियों को मल्टी लेवल पार्किंग पर खड़ा कराया जाता है लेकिन कई लोग अपनी गाड़ियों को दूसरे रास्तों से होकर वृंदावन के अंदर प्रवेश कर लेते हैं जिससे जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है, समाजसेवी सुधीर शुक्ला का कहना हैें कि अब नगर निगम, पुलिस और प्रशासन को मिलकर जाम की समस्या का समाधान निकालने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए, उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के चेयरमैन धनेंद्र अग्रवाल बॉबी का कहना है कि जाम की समस्या काफी पुरानी है, अब तो यह समस्या ऐसी हो गई है कि हर कोई परेशानी महसूस करने लगा है, अब तो ऐसा प्रतीत होता है कि नगरवासियों को शनिवार, रविवार और विशेष दिनों के समय पर अपने घरों में कैद हो जाना चाहिए क्योंकि अब जाम की समस्या आम हो चुकी है और नगरवासी जाम से कब तक जूझे यह किसी को मालूम नही है ।