दीर्घ विष्णु मंदिर में ठाकुर जी का किया गया जेष्ठ अभिषेक
दीर्घ विष्णु मंदिर में ठाकुर जी का किया गया जेष्ठ अभिषेक
-जेष्ठ माह में भगवान विष्णु का विशेष महत्व के साथ मनाया जाता है उत्सव
मथुरा । सप्तपुरियो में श्रेष्ठ योगीराज भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा पुरी में प्रतिदिन ठाकुर जी के ऋतु अनुसार उत्सव मनाते जाते हैं, उसी पावन श्रृंखला में वैदिक परम्परा के अनुसार देव सेवा क्रम में ग्रीष्म ऋतु की तपन को शांत करने के लिए ठाकुर जी को शीतल औषधीय जल से स्नान कराया जाता है, जेष्ठ शुक्ला पूर्णिमा को यह उत्सव जलयात्रा के रूप में मनाया जाता है ।
मान्यता के अनुसार प्राचीन श्री दीर्ध विष्णु मंदिर में श्री दीर्घ विष्णु भगवान एवं पद्मालयी महालक्ष्मी जी का औषधीय गुणों से युक्त जड़ी बूटियों एवं सुगंधित खस, केवड़ा, गुलाब, चंदन, कदम आदि के इत्र से निर्मित शीतल जल से वैदिक मंत्रोच्चारण की मधुर ध्वनियों के मध्य ठाकुर जी का जलाभिषेक प्रातः मंगला दर्शन के पश्चात कराया गया, महाभिषेक के समय शंख, घंटा और घड़ियाल एवं ठाकुर जी के जयकारों से मंदिर प्रांगण गुंजायमान हो रहा था ।
मंदिर के सेवायत महंत कान्तानाथ चतुर्वेदी एवं प्रवक्ता रामदास चतुर्वेदी शास्त्री के अनुसार वैदिक मान्यताओं के अनुरूप ठाकुर जी के स्नान के लिए मिट्टी के पात्रों में एक दिन पूर्व विभिन्न प्रकार की औषधियों एवं जड़ी बूटियों को रख दिया जाता है, दूसरे दिन इसी शीतल जल से ठाकुर जी का जलाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य किया जाता है, स्नान पश्चात ठाकुर जी को स्वेत हल्के वस्त्र धारण कराये गये, सुगंधित पुष्प मालाओं से ठाकुर जी का श्रृंगार किया गया, ठाकुर जी का विष्णु सहस्त्रनाम से पुष्पार्चन किया गया ।