जिले में सफेद दूध के काले कारोबार ने पकड़ी रफ्तार, जिम्मेदार बेखबर
जिले में सफेद दूध के काले कारोबार ने पकड़ी रफ्तार, जिम्मेदार बेखबर
-सफेद दूध के काले कारोबार से ब्रजवासियों की सेहत से हो रहा है खिलबाड़
-जिलाधिकारी की सख्ती के बावजूद सक्रिय नहीं हो रहा है खाद्य सुरक्षा विभाग
-पिछले दिनों जिलाधिकारी ने की थी आठ खाद्य निरीक्षकों पर वेतन रोकने की कार्यवाही
मथुरा । जनपद में ब्लैक गोल्ड यानी काले तेल का कारोबार बहुत ही पुराना और अधिक मुनाफे वाला रहा है, इस कारोबार में संलिप्त रहे तमाम माफियाओं पर सख्त कार्यवाही भी हुई है लेकिन इससे भी ज्यादा काला कारोबार सफेद दूध का कारोबार है जोकि लोगों से उनकी जिंदगी तो छीन ही रहा है बल्कि तमाम तरह की बीमारियां भी लोग पैसे देकर खरीद रहे हैं लेकिन इस सफेद दूध के काले कारोबार को रोकने के लिए जिस विभाग पर जिम्मेदारी है, वह विभाग यह कबूलने को तैयार भी ही नहीं है कि दूध के चक्कर में बडी संख्या में लोग जहर पी रहे हैं ।
हालांकि खाद्य सुरक्षा एवं संरक्षण विभाग द्वारा कभी कभार की जाने वाली इक्का दुक्का कार्यवाही यह तो जाहिर करती हैं कि सफेद दूध के कारोबार में बहुत कुछ काला है लेकिन यह कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाती हैं, विभाग ने इस काम के लिए कुछ बदनाम हाई रिस्क एरिया भी चिन्हित किये हैं लेकिन वहां कभी कभार ही कोई कार्यवाही देखने को मिलती है, डीएम पुलकित खरे भी इस पर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं, दही, मावा, मिठाई, खीरमोहन यहां तक कि सफेद दूध मिलावटखोरों को मोटा मुनाफा पहुंचा रहा है, हाल ही में लापरवाह खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों पर जिलाधिकारी ने कार्यवाही करते हुए आठ खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों का वेतन रोकने के निर्देश दिये थे ।
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक हुई थी जिसमें डीएम ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि विशेषकर दूध विक्रेताओं और दूध कारोबारियों पर नजर रखी जाये, डीएम ने खाद्य विक्रेताओं के नमूने की निःशुल्क जांच कराकर त्वरित रिपोर्ट प्रदान करने की व्यवस्था करने, खाद्य व औषधि विक्रय करने वालों के विरूद्ध न्यायालय में लंबित सभी वादों का निस्तारण कराने, वैन द्वारा ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार तथा लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये, इसी बैठक में आठ खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों का वेतन रोके जाने के निर्देश भी जारी किये गये थे, डीएम ने चेतावनी दी कि अपने कार्यों में सुधार लाएं तथा खाद्य चेकिंग अभियान में अपना कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन करें, इसके बावजूद विभाग की ओर से अभी तक दूधिया, दूध विक्रेता एवं अन्य दुग्ध कारोबारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है ।