परंपरागत "मंचीय कौशल" दिलायेगा ब्रज के बेरोजगारों को रोजगार
परंपरागत "मंचीय कौशल" दिलायेगा ब्रज के बेरोजगारों को रोजगार
-गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में दिया जायेगा एक माह का प्रशिक्षण
-राज्य सरकार ने उठाया कला को स्वरोजगार से जोड़ने का नीतिगत पहला कदम
मथुरा । ब्रज में रासलीला के मंच से निकले रामलीला के वीरों ने देश दुनिया में अपना लोहा मनवाया है, ब्रज में गांव देहात में नियमित रूप से रामलीला के वार्षिक आयोजन होते रहे हैं, इनमें से कई परंपरागत आयोजन दशकों पुराने हैं तो कई गावों में यह परंपरा अंग्रेजों के समय से चली आ रही है, ग्रामीणों द्वारा रामलीला आयोजन की परंपरा को पूरी आस्था के साथ निर्वाह किया जा रहा है, सरकार ने अब कला कौशल को रोजगार से जोड़ने की पहल की है, कला व संस्कृति को स्वरोजगार से जोड़ने की राज्य सरकार की नयी नीति के अंतर्गत उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी वृंदावन में एक माह की रासलीला प्रशिक्षण कार्यशाला 15 जून से प्रारंभ होगी ।
उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के तहत स्थापित भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ, भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ और गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी, वृंदावन (उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद) द्वारा यह प्रशिक्षण संयुक्त रूप से दिया जायेगा, यह कार्यशाला गीता शोध संस्थान एंव रासलीला अकादमी वृंदावन में चलेगी, उ0 प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा0 उमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि इसमें 10 से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बालक व बालिकाएं भाग ले सकेंगे ।
भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के विशेषज्ञ व कलाकार कत्थक शैली में मंचन व नृत्य आदि सिखायेंगे जबकि ब्रज के प्रमुख रासाचार्य व रास के अन्य कलाकार प्रशिक्षणार्थी बच्चों को रासलीला मंचन की अन्य विधाओं का प्रशिक्षण देंगे, कार्यशाला समापन पर प्रशिक्षित बालक बालिकाएं वृंदावन के ओपन एयर थियेटर (ओएटी) में मंचन करेंगे, उन्होंने बताया कि सभी को प्रशिक्षण के उपरांत प्रमाण पत्र प्रदान किये जातेंगे, इच्छुक बालक बालिकाएं गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में 10 बजे से सायं 5 बजे तक संपर्क कर निःशुल्क आवेदन पत्र लेकर भर सकते हैं, अभ्यर्थी अपना फोटो साथ लायें, ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ0 उमेश शर्मा, शोध समन्वयक डा0 रश्मि वर्मा एवं दीपक शर्मा मार्गदर्शन करेंगे ।