गांव विशम्भरा से गांव बढ़ा की सड़क निर्माण को दो साल से भटक रहे ग्रामीण
गांव विशम्भरा से गांव बढ़ा की सड़क निर्माण को दो साल से भटक रहे ग्रामीण
-दो विधानसभाओं की सीमाओं को जोड़ते हैं गांव बढ़ा और विशम्भरा तक का यह मार्ग
मथुरा । जनपद में बरसात का मौसम शुरू होते ही सड़कों ने तालाब का रूप ले लिया है, सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है, राहगीरों को यह पता नहीं चलता, बरसात होते ही इन गड्ढों में घुटने घुटने तक पानी भर जाता है जिससे लोगों को निकलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जबकि यह सड़क गांव विशम्भरा से गांव बढ़ा तक लगभग 2 किलोमीटर की सड़क है जो दो विधानसभाओं के बीच फंसी हुई है ।
यह सड़क बढ़ा, रामपुर होते हुए शेरगढ़ को जाती है, इन गांवों के लोगों द्वारा लगातार दो किलोमीटर के इस टुकड़े को बनवाने के लिए विधायक और संबंधित विभाग के अधिकारियों से मांग की जा रही है, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क छाता विधानसभा व मांट विधानसभा क्षेत्र की सीमा को आपस में जोड़ती है, उसके बावजूद यह सड़क लगभग 15 वर्षों से विकास की राह टोह रही है, घुटने घुटने तक पानी ही भरा रहता है, ऐसे लगता है कि मानो जैसे कोई नदी नाला बह रहा हो लेकिन स्थानीय लोगों की मजबूरी है कि अपने गंतव्य जाने के लिए रास्ते से बड़ी मुश्किल से गुजरना पड़ता है और उनको इंतजार है कि न जाने कब इस रास्ते की कोई सुध लेगा, मांग करने वालों में नित्तर, लच्छी, श्यामपाल, खच्चन, चोखन, विनोद, लक्खा आदि ग्रामीण हैं ।