जनपद के 116 गांव हैं यमुना किनारे, दर्जनों गावों में पहुंचा पानी
जनपद के 116 गांव हैं यमुना किनारे, दर्जनों गावों में पहुंचा पानी
-एनडीआरएफ की टीम द्वारा निकाला गया कई गांवों के लोगों को सुरक्षित
-जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण, राहत शिविरों में पहुंचे बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के 400 लोग
मथुरा । जनपद में स्थित यमुना नदी का पानी यमुना किनारे के गांवों में घुसना शुरू हो गया है, रविवार को दर्जनभर अधिक गांवों में यमुना का पानी घुस गया था, पिछले चार दिनों से लगातार यमुना का जलस्तर जनपद मथुरा में बढ रहा है,
जिलाधिकारी पुलकित खरे के मुताबिक कंट्रोल रूम के जरिये सभी तहसीलों से मजिस्ट्रेट और थानों के माध्यम से नज़र रखे हुए हैं। खासकर जो हमारे यमुना किनारे के गांव हैं वहां सतर्कता बरती जा रही है ।
जनपद में 116 गांव यमुना किनारे स्थित हैं जिनमें से रात तक आठ गावों में पानी पहुंच गया था, एनडीआरएफ की टीम व तहसील के अपने संसाधनों के माध्यम से इन गांवों के लोगों को शरणालय तक पहुंचाया गया है, शरणालय पर लगभग 400 से अधिक लोग इस समय मौजूद हैं, घाटों पर भी लगातार अनाउंसमेंट कराया जा रहा है कि जो लोग घाट की ओर जाते हैं वह अगले कुछ दिन तक यमुना घाटों की ओर नही जायें, यमुना जी का बहाव बहुत तेज है, दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है, शरणायलों पर भी अधिकारियों की टीम लगा दी गई है, लोगों और उनके पशुओं के खाने पीने का उचित प्रबंध किया गया है, चिकित्सा और उन लोगों के ठीक से रहने का बंदोबस्त किया गया है, पीने के पानी, दवाइयों की व्यवस्था की गई है ।
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज तथा हजारीमल सोमानी नगर निगम इंटर कॉलेज वृंदावन में बने राहत कैंप का निरीक्षण किया और राहत कैंप में खाने, रहने, विद्युत, पेयजल आदि का अवलोकन करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये, उन्होंने बताया कि प्रत्येक शरणाय के लिए एक डिप्टी कलेक्टर स्तर का विशेष अधिकारी नामित किया जा रहा है जिससे लगातार यह देखा जायेगा कि जो लोग रेस्क्यू करके यहां लाये गये हैं, उन्हें किसी तरह की बीमारी और परेशानी नही हो, जो लोग अभी घरों में हैं उनसे भी लगातार संपर्क किया जा रहा है, नाव से उन तक पहुंचा जा रहा है, मुनादी कराई जा रही है, अगले 48 घंटे तक यमुना के जलस्तर में गिरावट आने में देरी है, अगले 48 घंटे संवेदनशील हैं इसलिए यमुना जी के पास नही जाएं, प्रशासन पुलिस का सहयोग करें, यदि आपका कोई व्यक्ति या परिचित कहीं फंसा है तो उसके संबंध में जानकारी दें, बाढ़ चौकियों कंट्रोल रूम हैं वहां सूचित करें, प्रशासन लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है ।