सोमवती अमावस्या : कान्हा की नगरी के लोगों को डराती रही "काली रात"
सोमवती अमावस्या : कान्हा की नगरी के लोगों को डराती रही "काली रात"
-जनपद में खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा यमुना का पानी, राहत शिविरों में पहुंचे 1200 लोग
-जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत को की जा रही है पूरी कवायद
-यमुना नदी किनारे स्थित आधा सैकड़ा गांवों तक पहुंचा यमुना का पानी
-यमुना खादर में नव विकसित दर्जनों काॅलोनियों का हाल हुआ बेहाल, लोग कर रहे पलायन
मथुरा । सोमवती अमावस्या की काली रात यमुना किनारे रहने वाले वाशिंदों के लिए कुछ ज्यादा ही डरावनी रही, सोमवार को जनपद में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी, अभी भी तमाम लोग घरों की छतों पर शरण लिए हुए हैं, चारों तरफ यमुना के पानी और बीच-बीच में घिरकर आने वाली काली घटाएं लोगों की धड़कन को बढ़ा रही थीं, जलभराव के चलते इन क्षेत्रों में बिजली काट दी गई है जिससे लोगों को अंधेरे में ही रात गुजारनी पड रही है, राजस्व रिकार्ड के मुताबिक यमुना किनारे 116 गांव बसे हैं जिनमें से आधा सैकडा गांवों में यमुना का पानी पहुंच गया है, मथुरा वृंदावन के यमुना खादर में बसी दर्जनों काॅलोनियां जलभराव की चपेट में आ चुकी हैं ।
शहर में स्थित प्रयाग घाट पर यमुना का खतरे का निशान 166.20 मीटर पर है, सोमवार की दोपहर को यमुना जी खतरे के निशान से ऊपर 167.30 मीटर पर बह रही थी, वृंदावन में जलभराव के चलते 18 नलकूप बंद हो गये हैं, जलभराव से ग्रस्त क्षेत्रों के साथ वह क्षेत्र भी पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, जहां बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा है लेकिन सप्लाई इन्हीं नलकूपों से होती है, नगर निगम ने कुछ क्षेत्रों में पानी के टैंकर भिजवाए हैं, हालांकि मंगलवार से यमुना के जलस्तर में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है, वहीं गोकुल महावन के बीच बने कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज के रमणरेती आश्रम में भी यमुना का पानी घुस गया हैं, आश्रम में चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है, गुरु शरणानंद महाराज ने सोमवार को आश्रम में भरे पानी में नाव भी चलाई ।
मांट क्षेत्र में अब डांगोली पानी गांव रोड भी यमुना के पानी में डूब गया है, रविवार रात ही इस रोड पर पानी आ गया था, फक्कड बाबा के समीप सड़क कटान होने से सोमवार की सुबह प्रशासन ने इस मार्ग पर आवागमन बंद कर दिया, वृंदावन से मांट का संपर्क टूट गया है, विश्राम घाट का दृश्य बहुत ही रोमांचित करने वाला है, विश्राम घाट का यमुना जी की आरती वाला स्थल पूरी तरह से पानी में डूब गया है, यहां पर लगे घंटा घडियालों को छूने से पानी बस कुछ ही नीचे रह गया है, यमुना के निचले इलाकों में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है ।
वहीं दूसरी ओर सबसे अधिक मुसीबत जिले की नवविकसित कॉलोनियों में सामने आ रही है। कई कॉलोनियां तो ऐसी भी हैं जिनमें पहली बार यमुना का पानी पहुंचा है जबकि कुछ काॅलोनियां लगभग हर वर्ष इस समस्या से जूझती रही हैं, तहसील मांट, सदर और महावन क्षेत्र में यमुना किनारे बसी कॉलोनियों और गांव में यमुना का पानी लगातार आगे बढ़ रहा है, जिन शहरी और ग्रामीण इलाकों को यमुना ने अपनी चपेट में लिया है, उनकी विभाग ने प्रशासन के निर्देश पर विद्युत सप्लाई काट गई दी गई है, मथुरा में जयसिंहपुरा खादर और वृंदावन के परिक्रमा मार्ग, पानी गांव खादर के रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है ।
यमुना के पानी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई, दरअसल मूलरूप से आगरा के अछनेरा का रहने वाला 35 वर्षीय जितेन्द्र उर्फ जीतो आठ साल से वृंदावन में रह रहा था, कॉलोनी में अचानक यमुना का पानी आ गया, किसी वजह से उसे पानी में उतरना पडा, अपने मकान से कुछ दूर ही पहुंचा था कि तेज बहाव में वह पानी फंस गया और डूब गया, आसपास के लोगों ने हिम्मत जुटाकर युवक को पानी से बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी, जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि यमुना का जलस्तर लगातार बढ रहा है, अभी तक कुल 1200 लोग शरणालयों में आ चुके हैं, हर एक शरणालय में मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई हैं, 12 गांव ऐसे हैं जो पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हुंए हैं, बताया कि एनडीआरएफ की दो टीम, एसडीआरएफ की दो टीम, पीएससी की एक जनपद में टीम कार्यरत हैं, स्थानीय लोगों की भी मदद ली जा रही है, ट्रैक्टरों से भी लोगों को निकाला जा रहा है, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी तरह की जनहानि नही हो ।