यमुना के जलस्तर में हो रही कमी के बाद लगे गन्दगी के ढेर व जलभराव
यमुना के जलस्तर में हो रही कमी के बाद लगे गन्दगी के ढेर व जलभराव
-स्थानीय लोगों को सता रही संक्रामक बीमारियों के फैलने का भय, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
मथुरा । यमुना का जलस्तर घटना शुरू हो गया है, बुधवार को जलस्तर 167.20 मीटर से घटकर 166.60 मीटर पर पहुंच गया, इसके बाद भी अभी यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, यमुना नदी के सभी घाट जलमग्न हैं, यमुना के घाट किनारे रास्तों पर सीवर का पानी भरा हुआ है, घाट जलमग्न होने की वजह से श्रद्धालु यमुना के बाहर से ही आचमन व पूजा अर्चना कर वापस लौट रहे हैं, यमुना नदी के जलस्तर में कमी होने से जलभराव ग्रस्त कुछ रास्तों से पानी हट गया है, जलभराव वाले इन स्थानों पर गंदगी का अंबार लग गया है, नाले, नालियां चोक हो गई हैं ।
नगर निगम ने इस दिशा में अभी कोई कदम नहीं उठाया है, लोगों का कहना हैं कि नगर निगम लापरवाही बरत रहा है, इससे बीमारियां फैलने का अंदेशा भी बढ़ गया है, प्रयाग घाट से प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर और यमुना महारानी के प्रसिद्ध विश्राम घाट के लिए जाने वाले मार्गों की हालत भी बेहद खराब है, इन रास्तों पर दो से तीन फीट पानी था लेकिन अब पानी घट गया है, यहां रहने वाले लोग बिजली और पानी की किल्लत झेल रहे थे, तीन दिन से इस इलाके में बिजली नहीं आ रही थी ।
जिला प्रशासन ने अब जैसे ही पानी कम हुआ तो यहां की बिजली और पानी की व्यवस्था बहाल कर दी है, यमुना का पानी कम होने की वजह से आसपास गलियों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर नगर निगम के कर्मचारियों को सफाई के लिए भेजना चाहिए, यहां तमाम जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है, पुरुषोत्तम मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मथुरा और वृंदावन में आना रहता है, गंदगी के इस अंबार को देखकर कहीं ना कहीं श्रद्धालुओं की भावनाएं भी आहत हो रही है, इस और प्रशासन को प्राथमिकता के साथ ध्यान देने की आवश्यकता है ।