श्रीराधा दामोदरलाल ने कलियों के विशेष श्रृंगार में भक्तों को दिये दर्शन
श्रीराधा दामोदरलाल ने कलियों के विशेष श्रृंगार में भक्तों को दिये दर्शन
-वृन्दावन के सप्त देवालयों में शामिल है श्रीराधा दामोदरलाल मन्दिर
-अधिक मास में मन्दिर परिसर में चल रहे हैं विभिन्न धार्मिक आयोजन
मथुरा । वृंदावन के सप्त देवालयों में से एक ठाकुर राधा दामोदर मंदिर में पुरुषोत्तम मास के अवसर पर शुक्रवार को विशेष श्रृंगार के दर्शन का आयोजन किया गया जिसमे देश-विदेश के भक्तों ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया, मंदिर प्रांगण हर्ष उल्लास से भर उठा, ठाकुर राधा दामोदरलाल को छप्पन भोग लगाया गया, वृन्दावन के अनेक साधू वैष्णव बृजवासीजनों की प्रसाद सेवा का भी आयोजन किया गया ।
मंदिर में शास्त्रीय संगीत का मधुर आयोजन हुआ जिसमें आनंद ग्रुप ने राग मल्हार, दरबारी, धनश्री, आनंद भैरव आदि रागों कि मनमोहक प्रस्तुति द्वारा ठाकुर राधा दामोदर लाल को रिझाने का सुन्दर प्रयास किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता मंदिर के प्रमुख सेवायत आचार्य कनिका प्रसाद गोस्वामी, बड़े गोस्वामी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ, अंगसेवक दामोदरचंद्र गोस्वामी महाराज ने बताया कि ठाकुर जी का विशेष फूलों का सिंगार किया गया है जिससे ठाकुर जी को गर्मी में ठंडक और आनंद प्रदान किया जा सके, मन्दिर में ठा0 राधा दामोदरलाल की बाल स्वरूप में सेवा की जाती है और अपने लल्ला को गर्मी नही लगें इसलिए विशेष फूलों का सिंगार किया जाता हैं ।
अंगसेवक दामोदर चंद्र गोस्वामी महराज ने बताया कि वृंदावन के रज-रज में ठाकुर जी की लीला व्याप्त हैं, श्री राधा दामोदर मन्दिर उन्हीं लीलाओं का अद्भुत संगम हैं, श्रीकृष्णदास कविराज द्वारा सेवित राधा वृंदावनचंद्र, रूप गोस्वामी द्वारा प्रतिष्ठित जीव गोस्वामी पाद के सेव्य ठाकुर राधा दामोदर लाल जिनके वामांग में राधारानी तथा दाईं ओर ललिता सखी, गीत गोविंद के रचनाकार जयदेव गोस्वामी के आराध्य ठा0 राधा माधव व भूगर्भ गोस्वामी के प्राणनिधि राधा छैलचिंकन जू विराजमान हैं, स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा जीव गोस्वामी को प्रदत्त गिर्राजजी की शिला के दर्शन भी हैं, मंदिर की चार परिक्रमा करने से गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का फल प्राप्त होता हैं ।