अधिक मास : भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रखा को की थी उत्पत्ति
अधिक मास : भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रखा को की थी उत्पत्ति
-गिरिराज धरण की शरण में पहुंच रहे हैं सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्त
मथुरा । अधिक मास में योगी राज भगवान कृष्ण की लीला स्थली गिरिराज तलहटी आस्था और भक्ति से सराबोर नजर आ रही है, गिरिराज तलहटी में मौसम भी इस समय खुशनुमा बना हुआ है, बारिश में हल्की-हल्की पानी की फुहारों के साथ श्रद्धालु गिरी गोवर्धन की पूजा अर्चना कर मनौती मांग रहे हैं, इस दौरान श्रीगिरिराज महाराज के जयकारों से तलहटी गुंजायमान हो रही है, धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए ही मल मास की उत्पत्ति की थी, मल मास को अधिक मास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है, मल मास में ही हिरण्यकश्यप का बध किया था ।
दीनबंधु शास्त्री बताते हैं कि हिरण्यकश्यप को वरदान प्राप्त था कि वह वर्ष के किसी भी माह में ना ही मरे, ना ही धरती पर मरे और ना आकाश में, रात में मरे ना दिन में, घर के बाहर मरे ना घर के भीतर आदि वरदान प्राप्त कर वह अपने आप को भगवान कहने लगा और भक्तों पर अत्याचार करने लगा, भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के अधिक मास की उत्पत्ति की, भगवान विष्णु ने नृसिंह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप का वध किया, बताया ज्योतिष के अनुसार जिस महीने में कोई संक्रांति नही पड़े, वही अधिक मास कहलाता है, इस मास में श्रद्धालु गिरिराज प्रभु की अनन्य भक्ति करते हैं, खासकर जो भक्त लेट कर दंडवती परिक्रमा लगाते हैं, वह सर्प योनि से मुक्ति पाते हैं, दुख व दरिद्रता से मुक्ति होती है, दानघाटी मंदिर के सेवायत दीपचंद पुरोहित ने बताया इस मास में मांगलिक कार्य, विवाह, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं, इसमें सिर्फ धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व माना गया है, अधिक मास में लोगों को सादगी से रहना चाहिए, सादा भोजन व जमीन पर सोना चाहिए ।