बेहद जर्जर हालात बयां कर रहीं जलभराव की चपेट में आईं खादर की कॉलोनियाँ
बेहद जर्जर हालात बयां कर रहीं जलभराव की चपेट में आईं खादर की कॉलोनियाँ
लगातार घटत-बढ़त के साथ खतरे के निशान के करीब पहुंचा यमुना का जलस्तर
मथुरा । यमुना किनारे बसी कॉलोनियों और गांवों में लोगों को अभी राहत मिलने में समय लग सकता है, मंगलवार को भी यमुना अभी भी खतरे के निशान पर बह रही थी, मंगलवार को यमुना का जलस्तर प्रयाग घाट पर 166.01 पर आ गया था, यह खतरे के निशान से मात्र .01 मीटर ऊपर था, हालांकि यमुना के जलस्तर में सोमवार और मंगलवार को लगातार कमी दर्ज की गई लेकिन यह खादर में बसी कॉलोनियों के निवासियों को राहत देने वाली नहीं है ।
यमुना खादर में वृंदावन से गोकुल बैराज और इसके आगे तक करीब 250 कॉलोनियां विकसित हुई हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित इन्हीं काॅलोनियों के लोगों को हो रही है, वहीं जनपद में 116 गांव ऐसे हैं जो यमुना किनारे बसे हैं और बाढ़ आने पर इन गांवों को खतरा पैदा हो जाता है, करीबन एक दर्जन गांव ज्यादा प्रभावित हुए हैं, काॅलोनियों में पानी भरने के बाद लोगों ने घरों को छोड दिया था, जिला प्रशासन की ओर से ऐसे लोगों के लिए राहत शिविर शुरू किए गये थे, कुछ दिन लोगों ने इन शिविरों में शरण ली लेकिन जिला प्रशासन ने यकायक शिविरों का संचालन बंद कर दिया ।
हालांकि यमुना जलस्तर घटने से काॅलोनियों में पहुंचा पानी कुछ कम तो हुआ है लेकिन दर्जनों कॉलोनियों में अभी भी ऐसी स्थिति नहीं है कि लोग अपने घरों में वापस पहुंच सकें, यमुना का जलस्तर बारम्बार घटता बढ़ता रहा है, जलभराव की चपेट में आईं उन काॅलोनियों में जहां लोगों ने अपने घरों में वापसी की है, उनकी मुसीबत भी कम नहीं हैं, यहां बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है, लोगों की मांग है कि इन काॅलोनियों में व्यापक स्तर पर सफाई अभियान चलाया जाये जिससे बीमारियों से बचा जा सके ।