हरियाली तीज : स्वर्ण रजत हिंडोली में विराजेंगे ठा0 बांके बिहारीलाल
हरियाली तीज : स्वर्ण रजत हिंडोली में विराजेंगे ठा0 बांके बिहारीलाल
-मंदिर परिसर में हरियाली तीज की भव्यता को लेकर शुरू हुईं तैयारियां
मथुरा । कान्हा की क्रीड़ा स्थली श्रीधाम वृंदावन में आस्था का समंदर है तो श्रद्धा का सैलाब भी है, भक्ति की परंपरा है और समर्पण का इतिहास भी है, इसी कारण जन-जन के आराध्य ठा0 बांके बिहारी लाल हरियाली तीज पर एक लाख तोले चांदी और दो हजार तोला सोने से जड़ित हिंडोले पर विराजेंगे, शीशम की लकड़ी से निर्मित सोने, चांदी के इस हिंडोले की शोभा साल में सिर्फ एक दिन हरियाली तीज पर ही श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है, श्रीबांकेबिहारीलाल का स्वर्ण रजत हिंडोला कलात्मकता के लिहाज भी बेजोड़ है, इसकी भव्यता का अंदाजा खूबसूरत पच्चीकारी को देखकर सहज लगाया जा सकता है, नक्काशी के रूप में झूले पर आकर्षक फूल पत्तियों के बेल बूटे, हाथी, मोर आदि बने हुए हैं, जिसे देख श्रद्धालु पलक झपकना तक भूल जाते हैं ।
मंदिर सेवायत नितिन सांवरिया बताते हैं कि 1947 से पूर्व ठाकुर जी फूल पत्ती एवं कपडे आदि से बने झूले पर झूलते थे, मंदिर में स्थित स्वर्ण हिंडोले के कुल 130 भाग हैं, इनको अलग-अलग करके जोड़ा जाता है, झूले के सभी भागों को सुरक्षित रखरखाव के लिए स्टैंड बने हैं, इन भागों को रुई से भरे कपड़े में संभालकर स्टैंड में रखा जाता है, समय के साथ हिंडोले की चमक फीकी पड़ी तो मंदिर सेवायत गोस्वामी समाज एवं श्रद्धालु बेरीवाला परिवार को इसकी चिंता हुई, छः वर्ष पूर्व दिल्ली के विशेषज्ञों के एक दल ने हिंडोले की विभिन्न रासायनिक पदार्थों से सफाई की, अब यह फिर से स्वर्णिम आभा बिखेरता है, श्रावण मास शुक्ल पक्ष की तृतीया (हरियाली तीज) पर शनिवार को ठा0 बांकेबिहारी महाराज स्वर्ण रजत हिंडोले पर विराजेंगे, अपने आराध्य के इस अलौकिक रूप के दर्शन को सिर्फ स्थानीय ही नहीं बल्कि देश विदेश से श्रद्धालु शनिवार को यहां पहुंचेंगे ।