गोवर्धन मार्ग स्थित अडींग में 1857 की क्रांति का गवाह है टीला
गोवर्धन मार्ग स्थित अडींग में 1857 की क्रांति का गवाह है टीला
भरतपुर नरेश सूरजमल की हवेली में हुई थी आजादी के दीवानों की शहादत
मथुरा । गोवर्धन मथुरा मार्ग पर बसा गांव अडींग आजादी के शिल्पकारों की भूमि रहा है, यहां की मिट्टी में शौर्यगाथा की खुशबू आती है, अंग्रेजी हुकूमत ने ब्रज क्षेत्र में साल 1857 की क्रांति को कुचलने के लिए 70 क्रांतिकारियों को फांसी पर चढ़ा दिया था, महीनों तक ग्रामीणों पर बराबर जुल्म ढाए गये, खंडहर के रूप में मौजूद भरतपुर नरेश सूरजमल की हवेली आजादी के दीवानों की शहादत की आज भी गवाह बनी हुई है ।
जनपद के गोवर्धन मार्ग स्थित गांव अडींग के लोगों का देश की स्वाधीनता आंदोलन में योगदान इतिहास के पन्नों पर अंकित है, अडींग में आजादी के आंदोलनों की बढ़ती संख्या के कारण ब्रिटिश हुकूमत ने यहां पुलिस चौकी की स्थापना कर दी थी, साल 1857 के गदर के समय एक सिपाही अख्तियार ने बैरकपुर छावनी में कंपनी कमांडर को गोली से उड़ा दिया, बैरकपुर छावनी से मेरठ होते हुए देश में जगह जगह अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की पुकार सुनाई देने लगी, वही मथुरा में भी क्रांति की चिंगारी सुलग उठी ।