पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा सितम्बर माह, कुपोषण के प्रति सचेत
पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है सितम्बर माह, कुपोषण के प्रति किया सचेत
-जिला कार्यक्रम अधिकारी की मौजूदगी में हुई तीन माह की गर्भवती महिलाओं की गोद भराई
मथुरा । बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रतिदिन पोषण से संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, इसी क्रम में मंगलवार को सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम के तहत तीन माह की गर्भवती महिलाओं की गोद भराई आंगनवाडी केंद्र पर की जाती है जिसका उद्देश्य गर्भवती महिला व उनके परिजनों को इस बात के लिए जागरूक करना है कि यदि गर्भवती महिला का अभी से ही पर्याप्त ध्यान, पौष्टिक खानपान, टीकाकरण एवं समुचित जांच, दवाओं का पूरा ध्यान रखा जाए तो पैदा होने वाला बच्चा स्वास्थ और कुपोषण से मुक्त रहेगा ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्र ने बाल विकास परियोजना मथुरा ग्रामीण के आंगनबाड़ी केंद्र जिखनगांव में आठ महिला पार्वती, कृष्णा, पूजा, कविता, ज्योति, रेखा, मधु और करिश्मा की गोद भराई की, उन्होंने सभी महिलाओं को गर्भावस्था में सभी आवश्यक जांचें कराने, पर्याप्त पौष्टिक आहार लेने, पर्याप्त समय तक आराम करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, साथ ही महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से दी जाने वाली आयरन और कैल्शियम की गोलियों के नियमित सेवन और उस से होने वाले फायदों के बारे में भी जानकारी दी, उन्होंने सभी गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने और उस से होने वाले फायदों के बारे में भी जानकारी दी ।
केंद्र पर चिन्हित दो लाल श्रेणी के बच्चों प्रिंस व डॉली की माताओं को कुपोषण के दुष्परिणाम के बारे में जानकारी देते हुए बच्चों को प्रतिदिन केला और दूध देने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को धनराशि देते हुए निर्देशित किया कि प्रतिदिन बच्चों को केंद्र पर बुलाकर दो केले व एक गिलास दूध दें जिससे एक माह में बच्चों के वज़न में वृद्धि कर उन्हें सुपोषित की श्रेणी में लाया जा सके, उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को कक्ष में महिलाओं और बच्चों की सुविधा के लिए सीलिंग फ़ैन लगाने का निर्देश भी दिया, सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के अभिलेख चेक किये और केंद्र पर पर्याप्त साफ़ सफ़ाई रखने के निर्देश भी दिये, इस दौरान केंद्र की कार्यकर्ता भावना, इन्द्रा, मीना, मिथलेश, सहायिका भगवती, प्रेमवती, अंजना, आशा बहू सुपरवाइज़र रेणु रानी एवं कुसुम लता दीक्षित तथा ग्रामीण महिलाएं, किशोरी व बच्चे उपस्थित रहे ।