सांझी महोत्सव : रसखान व ताज बीबी पर बनीं लघु फिल्मों का हुआ प्रदर्शन

सांझी महोत्सव : रसखान व ताज बीबी पर बनीं लघु फिल्मों का हुआ प्रदर्शन
-महोत्सव के दूसरे दिन भी पहुंचे स्कूली बच्चे, सांझी कला की सजीवता का किया एहसास
-गुजरात व तेलंगाना से आये तीर्थ यात्रियों ने भी किया सांझी कला का अवलोकन, की सराहना
-जीएलए विश्वविद्यालय व तीर्थ विकास परिषद ने सांझी चित्रकारों का किया उत्साहबर्धन
     मथुरा । रसखान समाधि स्थल पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, पर्यटन विभाग एवं जीएलए विश्वविद्यालय के सयुंक्त तत्वावधान में 10 से 14 अक्टूबर तक आयोजित पांच दिवसीय सांझी महोत्सव-2023 में सांझियों को निहारने के लिए बड़ी तादाद में स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा अन्य जनपदों के तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं, उन्हे सांझी अवलोकन के अलावा रसखान और ताज बीबी पर बनायी लघु फिल्में (डॉक्यूमेंट्री) भी इंटरप्रिटेशन सेंटर में दिखायी जा रही है, पिछले दो दिन में दर्जनभर से ज्यादा स्कूल-कालेज की छात्र-छात्राओं ने रसखान समाधि स्थल का भ्रमण किया व सांझी कला की सजीवता का एहसास किया । 


     बुधवार को तेलंगाना के हैदराबाद और सौराष्ट्र के तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों ने भी रसखान समाधि स्थल का भ्रमण कर सांझी महोत्सव में भाग लिया, अलग-अलग तरीके से बनायी जा रहीं रंग बिरंगी सांझियों को सभी ने निहारा, अन्य जनपदों से आये  तीर्थ यात्रियों का दल रमणरेती में दर्शन करने भी पहुंचा, तीर्थ यात्रियों ने बेहद ही सुखद अनुभव महसूस किया, गुजरात के अवकाश प्राप्त शिक्षक भीखू मरजानी ने बताया कि सौराष्ट्र के संप्रदाय के मंदिरों में सांझी (चित्र) बने हुए हैं, हमें यह देखकर प्रसन्नता हुई है कि कृष्ण भगवान के मंदिरों की सांझी चित्र परंपरा को ब्रज में जीवित रखने के लिए सराहनीय प्रयास किया जा रहा है, यही प्रतिक्रिया रसखान समाधि स्थल पर भ्रमण करने आये अन्य लोगों व स्कूली बच्चों की भी थी, तेलंगाना के अलावा गुजरात से आये तीर्थ यात्रियों में भगवान जी भाई, कांति भाई, शांता वैन, काला वैन व काजल वैन शामिल थीं, यह सभी सौराष्ट्र के गिरि सोमाना नामक स्थान से आये थे ।


     चित्रकारों ने विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी सूखे रंगों की सांझी पर तैयार की, एक सांझी अष्टकोंण की वेदी पर तैयार की गयी है, यह देवालय सांझी थी, जो मंदिरों में बनायी जाती है, इस सांझी को शशांक गोस्वामी, चित्रांग गोस्वामी और पुष्पांग गोस्वामी ने बनाया है, खजानी इंस्टीट्यूट की छात्रा भावना दीक्षित, मुस्कान प्रजापति, यामिनी मिश्र, प्राची मिश्रा, गायत्री ने सूखे रंगों से कैनवास पर रासलीला का चित्रण किया, श्रीकृष्ण इंटर कालेज के शिक्षक अनिल सोनी ने सैंड कलर से पत्ते पर बालकृष्ण की छवि उकेरी, श्रीमती खुशबू उपाध्याय सोनी ने रंगों से लड्डू गोपाल बनाये, जीएलए विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा0 अनूप गुप्ता ने कहा कि यह बहुत खुशी का विषय है कि सांझी कला के संरक्षण में उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद और जीएलए विश्वविद्यालय जुटा है, परिषद के डिप्टी सीईओ जेपी पांडेय, जिला पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा, आरके जायसवाल, ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा0 उमेशचंद्र शर्मा, सहायक अभियंता आरपी सिंह यादव व दूधनाथ सिंह, गीता शोध संस्थान वृंदावन के समन्वयक चन्द्रप्रताप सिंह सिकरवार आदि मौजूद थे ।

 

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