मोबाइल पाउच में है सेंसर लॉक, मोबाइल हो जायेगा निष्क्रिय
मोबाइल पाउच में है सेंसर लॉक, मोबाइल हो जायेगा निष्क्रिय
-ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में एक बार फिर होगा भीड भाड वाले दिन ट्रायल
-जिला प्रशासन ट्रायल सफल होने के बाद लेगा मोबाइल पाउच पर फैसला
मथुरा । ब्रज के मंदिरों में भीड़ प्रबंधन के लिए मोबाइल से रील और सेल्फी के शौकीन अब बड़ी चुनौती बन रहे हैं, श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन को स्पेशल पाउच पैकिंग की नई व्यवस्था यदि भविष्य में सफल रहती है तो मंदिरों में भीड़ प्रबंध की योजना बनाने में काफी मददगार साबित हो सकती है, ठा0 बांकेबिहारी मंदिर में मोबाइल को लेकर चर्चा में आई नई व्यवस्था लागू होगी अथवा नहीं इस पर ट्रायल के बाद फैसला लिया जायेगा, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में मोबाइल प्रबंधन को लेकर लम्बे समय से विचार विमर्श चल रहा है, लोग मोबाइल से रील बनाते हैं और अधिक समय तक मंदिर परिसर में रूकते हैं जिसे अन्य श्रद्धालु भी असहज महसूस करते हैं ।
यक्ष प्रश्न यह है कि भीडभाड वाले दिनों में नई व्यवस्था कितनी कारगर साबित होगी ? यह देखा जाना अभी बाकी है, यह भी देखा जाना है कि भीड मैनेजमेंट पर नई व्यवस्था का कितना असर पड़ता है और कितनी सहूलियत मिलती है, नई व्यवस्था को लेकर एसएसपी शैलेश पाण्डे ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि काफी संख्या में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर दर्शन करने आते हैं जिनके पास कैमरे होते हैं वह कैमरे ले जाते हैं, निर्देश यह भी है कि मन्दिर के अंदर ठाकुर जी का फोटो नही खींचा जाये, बावजूद इसके लोग मोबाइल कैमरे से फोटो खींचते हैं और वहां रील बनाते हैं, उनकी शिकायतें आती हैं इससे अन्य श्रद्धालुओं को भी दिक्कतें होती हैं ।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालु वहां ज्यादा समय इन चीजों में वहां व्यतीत करते हैं जिससे भीड़ का दबाव बढ़ता है, इसमें मोबाइल पाउच सिस्टम का ट्रायल एक एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है, इसकी प्रक्रिया देखी जायेगी, यह प्रक्रिया आरएफआईडी बेस्ड है, बाहर कोई श्रद्धालु इस पाउच में अपना मोबाइल डाल कर मोबाइल अपने साथ ले जा सकता है, वह पाउच को अंदर खोल नहीं पायेगा, जब वह बाहर निकलेगा तो तय स्थानों पर सेंसर लगाए जायेंगे, सैंसर से इसे अनलॉक किया जाता है फिर वह अपना मोबाइल लेकर जा सकता है, इस व्यवस्था में सबसे बडी सहूलियत कि क्लॉक रूम की जरूरत नहीं पड़ती है, व्यक्ति मोबाइल अपने साथ रख सकता है लेकिन इस दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं कर पायेगा क्योंकि वह पाउच में लॉक रहता है और वह आरएफआईडी सैंसर से अनलॉक होने के बाद ही खुल पायेगा ।
फिलहाल इस व्यवस्था का दो दिन पहले एक एजेंसी ने ट्रायल कराया, निर्देशित किया गया है कि जिस दिन भीडभाड ज्यादा हो उस दिन ट्रायल कराकर देंखे जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा नही हो, अनावश्यक भीड़ का प्रेशर नही बने, मोबाइल को लेकर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर पर चल रहा ट्रायल अगर सफल रहता है तो अन्य मंदिरों पर भी इस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है, जहां भीड़ का दबाव अधिक रहता है, यह सेवा निजी एजेंसी द्वारा दी जायेगी, इस व्यवस्था में क्लॉक रूम की आवश्यकता नहीं पड़ती है, बताया जा रहा है कि मंदिरों में भीड नियंत्रण के लिए लगातार हो रहे प्रयासों में यह प्रयोग बेहद मददगार साबित हो सकता है ।