आयुर्वेद दिवस : धनतेरस के दिन स्कूल, कॉलेज में होगा कैम्प का आयोजन
आयुर्वेद दिवस : धनतेरस के दिन स्कूल, कॉलेज आदि में होगा कैम्प का आयोजन
-खेतों में यहां वहां बिखरी दवाओं के सम्बंध में आयुष विभाग करेगा लोगों को जागरूक
मथुरा । खेत पर काम करते समय किसी किसान अथवा मजदूर का हाथ कट जाये तो वह तत्काल चिकित्सक के पास जाने की हड़बड़ी नहीं दिखाता है क्योंकि उसे पता होता है कि खेत पर ही उसके आसपास कई ऐसे पौधें हैं, जो तत्काल रक्त प्रवाह को रोक देंगे और उसका घाव भरने में भी मदद करेंगे, ब्रज भाषा में चिलमिली नाम से प्रचलित पौधा और हर जगह मिलने वाली दूब घास इसमें बेहद कारगर साबित होती है, कई पौधे तो ऐसे भी हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं, जैसे गाजर घास श्वास संबंधी परेशानी पैदा करती है। इस तरह के तमाम पौधों और रूखडियों के बारे में किसान और दूसरे ग्रामीण जान सकेंगे ।
आयुष विभाग द्वारा प्रतिवर्ष धन्वन्तरि दिवस (धनतेरस) को आयुर्वेद दिवस के रूप मे मनाया जाता है, इस बार 10 नवम्बर को आयुर्वेद दिवस का आयोजन होगा, आयुर्वेद दिवस पर जिले का आयुष विभाग छात्रों के बीच कला, स्लोगन, पोस्टर, निबंध, वाद विवाद आदि प्रतियोगिता का आयोजन करायेगी, जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने निर्देश दिये कि कार्यक्रम में समस्त स्कूलों, कॉलेजों, आयुर्वेदिक अस्पताल, एनजीओ आदि को शामिल किया जाये, आयुर्वेदिक व मेडिसिनल प्लांट के बारे में लोगों को जागरूक किया जाये, हर्बल गार्डन के बारे में लोगों और किसानों में जागरूकता लाई जाये ।
आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा0 गोपाल सिंह ने बताया कि आयुर्वेद दिवस को लेकर जिलेभर में इस बार आयुर्वेद का प्रचार प्रसार वृहद स्तर पर किया जायेगा, इसके लिए स्कूलों व कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिले के किसानों को आयुर्वेद के प्रति जागरूक किया जायेगा, किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रेरित किया जायेगा, स्कूल में बच्चों को आयुर्वेद के फायदों के बारे में बताया जायेगा, आयुर्वेद चिकित्सालयो में आयुष कैंप एवं अन्य गतिविधियों को कराकर सकुलशल सम्पन्न किया जायेगा तथा विजयी छात्र छात्राओ को प्रमाण पत्र एवं सम्मानित किया जायेगा, बैठक में सीडीओ मनीष मीना, डॉ0 अविनाश, जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ0 ज्योति शिखा, डीएचओ, डीएओ आदि उपस्थित रहे ।